Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (Bilaspur High Court) में मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने यात्री बसों में बिना कंडक्टर या बिना लाइसेंसधारी कंडक्टर के संचालन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. यह याचिका विनेश चोपड़ा द्वारा उनके अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत की गई, जिसमें सरकार से यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई है कि प्रदेश में संचालित प्रत्येक यात्री बस में अधिकृत कंडक्टर की उपस्थिति हो.
इन नियमों की हुई बात
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, बसों में लाइसेंसधारी कंडक्टर की उपस्थिति आवश्यक है. इसके बावजूद, कई बसें बिना लाइसेंसधारी कंडक्टर के सड़कों पर संचालित हो रही हैं, जिससे यात्री सुरक्षा से समझौता हो रहा है. नियमों के तहत, किसी भी अन्य व्यक्ति को कंडक्टर के रूप में कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिससे कानून का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य हो जाता है.
उच्च न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद, याचिकाकर्ता को दो सप्ताह का समय दिया गया है. अदालत ने इस याचिका को छह सप्ताह बाद फिर से सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया है.
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