CG SIR 2025: छत्तीसगढ़ में अगले चुनाव से पहले मतदाता सूची को पूरी तरह से सटीक और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने SIR यानी Special Intensive Revision की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह सिर्फ एक औपचारिक जांच नहीं, बल्कि घर-घर जाकर हर मतदाता की मौजूदगी, पात्रता और सही जानकारी की गहन पड़ताल होगी. जो भी व्यक्ति झूठी या गलत जानकारी देगा, उसे सीधे जेल या जुर्माने का सामना करना पड़ेगा.
क्या है SIR प्रक्रिया?
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन, एक ऐसा अभियान है जिसमें मतदाता सूची को पूरी तरह अपडेट कर गलत, डुप्लीकेट या मृत मतदाताओं को हटाने और नए सही पात्रों को जोड़ने का काम किया जाएगा. यह प्रक्रिया 28 अक्टूबर 2025 से 2 फरवरी 2026 तक लगातार चलने वाली है.
एक नजर में पूरी टाइमलाइन
- मुद्रा मुद्रण और प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025
- घर-घर गणना चरण: 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025
- ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी: 9 दिसंबर 2025
- दावे व आपत्तियां स्वीकार: 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026
- सुनवाई और सत्यापन (नोटिस चरण): 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026
- फाइनल मतदाता सूची जारी: 7 फरवरी 2026
कितनों की होगी जांच?
आयोग ने साफ किया है कि इस बार तैयारी पिछले सभी चुनावों से ज्यादा सख्त और गहन होगी. कुल 2 करोड़ 11 लाख मतदाताओं का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा, यानी BLO सीधे घर तक पहुंचेगा.
कौन से दस्तावेज मांगे जाएंगे?
आयोग ने 13 वैध दस्तावेज तय किए हैं, जिनमें सरकारी पहचान पत्र, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, पेंशन आदेश, परिवार रजिस्टर, मैट्रिक प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, NRC (जहां लागू), आधार से जुड़े निर्देश (09.09.2025 का पत्र), भूमि या मकान आवंटन रिकॉर्ड आदि शामिल हैं। मतलब कि बिना वैध सरकारी दस्तावेज़ के नाम दर्ज नहीं होगा, और गलत दस्तावेज देने पर कानूनी कार्रवाई तय है.
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SIR पर सियासत शुरू
बिहार वाले SIR मॉडल पर छत्तीसगढ़ में भी विवाद खड़ा हो गया है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि आयोग बताए कि बिहार में कितने बांग्लादेशी और छत्तीसगढ़ में कितने पाकिस्तानी नागरिक अब तक पहचाने गए? उनका कहना है कि “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद अमित शाह ने तीन दिन में रिपोर्ट मांगी थी, पर सरकार आज तक आंकड़े नहीं दे पाई.
सरकार का रुख क्या है?
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने SIR का स्वागत किया और कहा कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र को और पारदर्शी बनाएगी. उन्होंने कहा कि 'सही मतदाता, सही जगह, सही सूची... यही SIR का उद्देश्य है.'
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