Chhattisgarh Assembly Winter Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर 2025 से शुरू होगा. यह नए विधायनसभा का पहला शीतकालीन सत्र है. यह सत्र चार दिनों तक चलेगा. इस सत्र में अलग-अलग विषयों पर चर्चा होगी. हालांकि शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्षी दल कांग्रेस बहिष्कार करेगी.
छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा, 'वो 14 दिसंबर से शुरू होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन का बहिष्कार करेगी.''
कांग्रेस विधायक दल के नेता चरण दास महंत ने कहा कि कांग्रेस विधायक 14 दिसंबर को पहले दिन सदन में नहीं आएंगे, क्योंकि उस दिन सिर्फ ‘‘छत्तीसगढ़ विजन-2047'' पर चर्चा तय की गई है.
शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस करेगी बहिष्कार
महंत ने यहां पार्टी कार्यालय राजीव भवन में कांग्रेस विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ''कांग्रेस 14 दिसंबर को दिल्ली में एक बड़ी रैली, 'वोट चोर गद्दी छोड़' करने जा रही है. उसी दिन से राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होगा. पहले दिन विधानसभा में सवालों, ध्यानाकर्षण प्रस्तावों या स्थगन प्रस्ताव नोटिस पर कोई चर्चा नहीं होगी, क्योंकि सिर्फ राज्य के ‘विज़न डॉक्यूमेंट 2047' पर चर्चा होगी. इसलिए, हमने तय किया है कि हममें से कोई भी इसमें शामिल नहीं होगा.''
महंत ने कहा, ''विज़न 2047 डॉक्यूमेंट झूठ का पुलिंदा है, और इससे आम लोगों को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. यह उद्योगपतियों के लिए है, हमारे लोगों के लिए नहीं.''
उन्होंने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘विजन' (दृष्टि) के नाम पर ‘‘हमें दूरबीन से तस्वीर दिखाई जा रही है.'
'यह ‘अमृत काल' नहीं है...‘भ्रमित काल' है'- चरण दास महंत
विजन-2047 के एजेंडे को ‘‘खोखला'' बताते हुए चरण दास महंत ने आरोप लगाया कि सरकार हरित राज्य बनाने की बात करती है, जबकि हसदेव और बस्तर में जंगल खत्म किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ''यह ‘अमृत काल' नहीं है, यह ‘भ्रमित काल' है. लोगों को ‘भोजन' चाहिए, विज़न (डॉक्यूमेंट्स) नहीं.''
शीतकालीन सत्र में इन मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस
उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक में कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिन्हें पार्टी चार दिन के सत्र के दौरान उठाने की योजना बना रही है, जिसमें ‘‘धान खरीद में कथित कुप्रबंधन, बिगड़ती कानून व्यवस्था, खाद्य और वन विभाग में गड़बड़ियां, साथ ही हाल की औद्योगिक घटनाओं पर सरकार का जवाब शामिल है.''
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पार्टी के कई विधायक मौजूद थे.
CM साय बोले- 'एक मजबूत विपक्ष की जरूरत'
कांग्रेस के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सत्र के पहले दिन का बहिष्कार करने के कांग्रेस के फैसले को पार्टी का 'निजी मामला' बताया और कहा कि विपक्ष निराश और 'बिना मुद्दे का' लग रहा है.
साय ने कहा कि (लोकतंत्र में) एक मजबूत विपक्ष की ज़रूरत है, लेकिन कांग्रेस एक के बाद एक चुनाव हारने से बौखला गई है. उन्होंने कांग्रेस बिना मुद्दों के हो गई है और बिना तथ्यों के बात करती है.
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