Madhya Pradesh SIR: मध्य प्रदेश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) Special Intensive Revision (SIR) की प्रक्रिया चल रही है. मध्य प्रदेश के जबलपुर से भाजपा विधायक और प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय विश्नोई ने एसआईआर को बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि जबलपुर जिले में अब तक 1200 से अधिक संदिग्ध लोग चिह्नित किए जा चुके हैं. उन्होंने इन सभी संदिग्धों की गहन जांच करने और आवश्यक होने पर उन्हें निरुद्ध (डिटेंशन) करने की जरूरत बताई है.
विश्नोई ने कहा कि यदि जांच में यह स्पष्ट होता है कि ये लोग विदेशी नागरिक हैं या अवैध रूप से मध्य प्रदेश में रह रहे हैं, तो उन्हें उनके देश वापस भेजने की कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने मध्य प्रदेश में संदिग्धों की संख्या पर भी बड़ा अनुमान पेश किया है. उनके मुताबिक, पूरे मध्य प्रदेश में ऐसे एक लाख से अधिक लोग हो सकते हैं, जिनकी पहचान और सत्यापन होना जरूरी है.
भाजपा विधायक ने चिंता व्यक्त की कि प्रदेश में संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ डिटेंशन की प्रक्रिया प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पा रही है, क्योंकि लगभग 12 साल पहले तत्कालीन डीजीपी ने पुलिस को संदिग्ध व्यक्तियों को निरुद्ध करने के अधिकारों पर रोक लगा दी थी. इससे पुलिस कार्रवाई आधी-अधूरी रह जाती है.
पूर्व में IPC की धारा 109 के तहत पुलिस को संदिग्ध व्यक्तियों को निरुद्ध कर पूछताछ करने का अधिकार था. नए कानून लागू होने के बाद यह प्रावधान अब भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 128 में स्थानांतरित हो गया है. विश्नोई का आरोप है कि इस धारा का प्रभावी क्रियान्वयन न होने की वजह से संदिग्ध व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है, जबकि सुरक्षा की दृष्टि से यह बेहद गंभीर मुद्दा है.
अजय विश्नोई ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डिटेंशन के अधिकार को पुनः लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सुरक्षा के लिए SIR जैसे अभियान तभी सफल हो सकते हैं, जब पुलिस को कानूनन शक्तियां उपलब्ध हों. उन्होंने अधिकारियों से भी अपेक्षा की कि SIR के दौरान मिले संदिग्ध व्यक्तियों की विस्तृत जांच की जाए, ताकि किसी भी संभावित खतरों को समय रहते रोका जा सके.