Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांकेर (Kanker) जिले के चारामा क्षेत्र में महानदी से अवैध रेत खनन (illegal sand mining) के खिलाफ अब स्थानीय लोग लामबंद हो गए हैं. छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा कही जाने वाली महानदी का सीना छलनी कर रेत माफिया करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगाने में लगे हुए हैं. इससे तंग आकर स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. उनका कहना है कि चारामा क्षेत्र की महानदी से लगातार कई वर्षों से अवैध रेत का खनन किया जा रहा है. दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव के रेत तस्कर चारामा क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं.
कौन दे रहा राजनीतिक संरक्षण
रेत तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि क्षेत्र के लोगों को डराया-धमकाया जाता है और जान से मारने की धमकी दी जाती है. राजनीतिक संरक्षण होने के कारण नियम-कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर रेत माफिया खनन का कार्य कर रहे हैं, चैन माउंटेन जैसे बड़ी-बड़ी मशीनों से रेत निकालकर परिवहन करा रहे हैं.
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उग्र आंदोलन करने का अल्टीमेटम
हाथ में ज्ञापन की प्रतियां लिए हुए ग्रामीण एक समूह चित्र में.
अवैध रेत खनन से महानदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि क्षेत्र की सभी रेत खदान पूर्णतः बंद हों, अन्यथा भविष्य में उग्र आंदोलन किया जाएगा. साथ ही अगर इस बीच अगर जान-माल की हानि होती है, तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी. क्षेत्र में अवैध रेत खनन को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा है, गांव के लोग इसकी शिकायत भी मौखिक रूप से संबंधित अधिकारियों से कर चुके थे, पर जब कुछ नहीं हुआ, तो लोगों ने ज्ञापन देने का फैसला लिया.
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