Chhattisgrah Assembly Winter Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही भी हंगामेदार रही. विपक्ष ने बेरोजगारी भत्ता और धान खरीदी में किसानों को हो रही परेशानी पर सरकार को जमकर घेरा. कांग्रेस विधायक उमेश पटेल के बेरोजगारी भत्ता के सवाल पर मंत्री गुरु खुशवंत साहेब से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने और धान खरीदी में किसानों की परेशानी के लेकर स्थगन पर चर्चा की मांग अस्वीकार होने पर कांग्रेस पार्टी ने दिनभर की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में पांच सवाल पर मंत्रियों का जवाब आया. पहला सवाल बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से बीते पांच साल में सेनेटरी नैपकिन मशीन खरीदी की जानकारी मांगी. मंत्री के जवाब से धरमलाल कौशिक ने नाखुशी जाहिर की. बीजेपी विधायक रेणुका सिंह ने भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में टावर की स्वीकृति की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से जानकारी चाही, जिसपर सीएम ने अपने जवाब में कहा कि 337 गांवों में से मात्र 47 गांवों में ही मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, जिसे नेटवर्क से जोड़ने काम चल रहा है.
मंत्री के जवाब से नाखुश कांग्रेस ने किया वॉकआउट
कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने पंजीकृत बेरोजगार की जानकारी मांगी, इसी सवाल के पूरक सवाल पर उमेश पटेल ने बेरोजगारी भत्ता शुरू नहीं होने का मुद्दा उठाया, जिस पर मंत्री खुशवंत साहेब ने जवाब दिया कि उनकी सरकार की मंशा बेरोजगारों को रोजगार देना है, जिस पर विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया.
कांग्रेस ने उठाया किसानों का मुद्दा
प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष ने धान खरीदी में किसानों को हो रही परेशानी के लेकर स्थगन पर चर्चा की मांग की. स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार पर किसानों से कम धान खरीदने का षड्यंत्र करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही स्थगन अस्वीकार होने पर विपक्ष ने दिनभर की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया और कहा किसान हित में सदन से लेकर सड़क तक लड़ाई जारी रहेगी.
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विपक्ष के हंगामे पर सत्ता पक्ष के विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि हमारी सरकार किसान हित में काम कर रही है. विपक्ष को जनता ने ही बहिष्कृत कर दिया है. ऐसे में वह लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. वहीं, सत्ता पक्ष के विधायकों ने विपक्ष के हमले पर जमकर सवाल दागे. अब देखना ये होगा कि अगले दो दिन सदन की कार्यवाही में जनहित में कितनी चर्चा हो पाती है.
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