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Bilaspur Train Accident: सामने आई बिलासपुर रेल हादसे की असली वजह? मेमू लोकल ट्रेन लोको पॉयलट की भूमिका पर उठ रहे सवाल!

Memu Train Accident: बिलासपुर में हादसे की शिकार हुई मेमू लोकल ट्रेन के लोको पायलट विद्यासागर एक महीने पहले ही प्रमोट होकर ट्रेन का संचालन कर रहे थे. सूत्र कहते हैं कि लोको पायलट के कम अनुभव और सिग्नल जजमेंट में दिक्कत रेल हादसे की प्रमुख वजह हो सकती है. 

Bilaspur Train Accident: सामने आई बिलासपुर रेल हादसे की असली वजह? मेमू लोकल ट्रेन लोको पॉयलट की भूमिका पर उठ रहे सवाल!
Was non experienced Bilaspur CG Memu tain pilot was big reason behind MEMU local collision

Truth Behind Memu Train Collision: बिलासपुर में मालगाड़ी से भिड़कर हादसे की शिकार हुई मेमू ट्रेन के पायलट की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों कहते हैं हादसे की शिकार हुई मेमू ट्रेन के लोको पायलट को एक महीने पहले ही प्रमोट कर लोकल ट्रेन की कमान सौंपी गई थी. इस हादसे में अब तक 11 पैसजर्स की मौत हो चुकी है और 20 घायल हैं.

बिलासपुर में हादसे की शिकार हुई मेमू लोकल ट्रेन के लोको पायलट विद्यासागर एक महीने पहले ही प्रमोट होकर ट्रेन का संचालन कर रहे थे. सूत्र कहते हैं कि लोको पायलट के कम अनुभव और सिग्नल जजमेंट में दिक्कत रेल हादसे की प्रमुख वजह हो सकती है. 

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मालगाड़ी से टकराने से मेमू ट्रेन में सवार लोको पायलट समेत 11 की मौत हो गई थी

गौरतलब है 4 नवंबर को हुए रेल हादसे में मेमू ट्रेन गतोरा स्टेशन के आसपास मालगाड़ी से टकरा गई थी. हादसे के बाद रेलवे द्वारा किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में लोको पायलट समेत 11 मौत हुई थी. बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल के मुताबिक हादसे में घायल दो पैसजर्स की हालत गंभीर है, जबकि, एक की हालत अति गंभीर है. 

आशंका है दूसरी लाइन का सिग्नल देखकर लोको पायलट ने ट्रेन को आगे बढ़ा दिया था

सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि जहां मेमू ट्रेन हादसे की शिकार हुई, वह घुमाव लाइन थी. आशंका जताई जा रही है कि लोको पायलट दूसरी लाइन का सिग्नल देखकर स्पीड से ट्रेन आगे बढ़ा दी, जिससे मेमू ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई और हादसे की शिकार हो गई. हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त गेवरा रोड बिलासपुर मेमू ट्रेन गतोरा स्टेशन से 76 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रही थी, लेकिन जब मेमू ट्रेन मालगाड़ी से टकराई तब स्पीड करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटा थी, इसलिए लोको पायलट की भूमिका संदिग्ध है.

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डेंजर सिग्नल के बाद भी दौड़ती रही मेमू ट्रेन उसी ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी टकराई

सूत्र बताते हैं कि गतौरा स्टेशन से जब मेमू ट्रेन निकली तब उसकी स्पीड 76 किमी प्रति घंटा थी. ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ट्रेन आगे बढ़ी, इसके बाद लोको पायलट को डबल येलो सिग्नल मिला, फिर चौथा येलो सिग्नल मिला, लेकिन गाड़ी की स्पीड कम नहीं हुई. ट्रेन पांचवें डेंजर सिग्नल के बाद भी दौड़ती रही, जिससे उसी ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी टकरा गई.

बीके मिश्रा की अगुवाई में जांच टीम 3 दिन के भीतर रेलवे बोर्ड को सौंपेगी रिपोर्ट

उल्लेखनीय है मेमू ट्रेन हादसे की जांच के लिए दक्षिण पूर्वी सर्कल के कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी बीके मिश्रा की अगुवाई में पांच सदस्य टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है.  दो दिनों तक चलने वाली इस जांच में 19 लोगों से घटना के बारे में पूछताछ की जाएगी. 6 और 7 नवंबर को पूछताछ की प्रक्रिया शुरू होगी.

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