मध्य प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों से जुड़े विवादों में एक और मामला जुड़ गया है. IAS संतोष वर्मा द्वारा सवर्णों की बेटियों को लेकर दिए गए अभद्र बयान के बाद 2013 बैच की IAS अधिकारी मीनाक्षी सिंह के एक बयान ने प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा दिया है. IAS मीनाक्षी सिंह द्वारा राजधानी भोपाल स्थित अंबेडकर पार्क में आयोजित अजाक्स संगठन के सम्मेलन में दिए गए संबोधन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
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जिसमें वे कह रहीं हैं- आज के समय में जातिगत पहचान और जातिवादी सोच की बड़ी जरूरत है. सवर्ण समाज के लोग उपनाम (सरनेम) देख-देखकर पक्षपात करते हैं. इसके अलावा भी वे बहुत कुछ कहती नजर आ रही हैं. इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है.सवर्ण समाज के संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है.
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बिना किसी संकोच के मुलाकात करें
IAS मीनाक्षी सिंह ने आगे कहा कि कई बार आदिवासी समाज के लोग वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों से मिलने में झिझकते हैं. उन्हें लगता है कि बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों से कैसे संपर्क किया जाए. ऐसे लोगों से अपील है कि भोपाल आने पर वे उनसे बिना किसी संकोच के मुलाकात करें, ताकि संवाद के जरिए समाज से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जा सके.
बयान बांटने का काम कर रहे
IAS मीनाक्षी सिंह के इस बयान के सामने आने के बाद सवर्ण समाज के कुछ संगठनों ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि इस तरह के बयान समाज को जोड़ने के बजाय बांटने का काम करते हैं. ब्राह्मण-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी सुधीर नायक ने कहा कि इस तरह की मनोवृत्ति ठीक नहीं है, यह सेवा आचरण नियम का भी उल्लंघन है. वहीं, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह सब IAS संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का नतीजा है. बड़े पदों पर बैठे अफसर समाज को बांटने वाले बयान दे रहे हैं.
कौन हैं IAS मीनाक्षी सिंह?
IAS मीनाक्षी सिंह वर्तमान में मध्य प्रदेश शासन के आदिम जनजाति विभाग में उपसचिव के पद पर पदस्थ हैं. वे पदोन्नति के माध्यम से IAS बनी हैं और अजाक्स संगठन से भी जुड़ी हुई हैं. उनके इस वीडियो ने प्रसाशनिक हलकों में भी चर्चा तेज कर दी है.