बिलासपुर लगातार कई दिनों से हो रही बारिश को देखते हुए साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे डेंजर जोन को लेकर अलर्ट हो गया है, उड़ीसा से लेकर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र तक रेलवे की नज़र नदी, नालों, जंगलों और पहाड़ों से होकर गुज़र रहे रेलवे ट्रैक पर है. अगर बात करें साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे कि तो यह भौगोलिक रूप से कई जंगल, बड़े नदियों और पहाड़ों से घिरा हुआ है. इसमें उड़ीसा से लेकर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र तक कई क्षेत्र रेलवे के अपने लिहाज से संवेदनशील हैं, यहां रेलवे के ट्रैक नदी - नालों, पहाड़ों और जंगलों से होकर गुजरते हैं, ऐसे में मानसून और बारिश की स्थिति में यहां ट्रेनों के परिचालन की सबसे बड़ी चुनौती रेलवे के सामने होती है.
अब जब मानसून और बारिश शुरू हो गया है रेलवे की चुनौती बढ़ गई है और रेलवे भी अलर्ट हो गया है - संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष चौकसी बरती जा रही है.
रेल अधिकारियों के कहे अनुसार SECR के बिलासपुर सेक्शन, नागपुर सेक्शन और झारसुगुड़ा सेक्शन में सबसे ज्यादा भौगोलिक दिक्कतें हैं। इसमें खोडरी खोंगसरा,जामगा कोतरलिया, दारेकसा, सालेकसा, चिरमिरी मनेंद्रगढ़ जैसे ट्रैक पर जंगल और पहाड़ी क्षेत्र आते हैं, जहां मानसून के दौरान सबसे ज्यादा ट्रेक ब्रेक और ओएचई डाउन होने का खतरा रहता है. इसी तरह अलग-अलग सेक्शनो में स्थित बड़ी नदियां भी खतरे की आशंका बनाए रहती हैं.
SECR के CPRO, साकेत रंजन ने NDTV से बात कर बताया कि ,किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए रेलवे अलर्ट पर है. संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी के साथ स्थिति की प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा रही है, ऐसे क्षेत्रों में ट्रेनों की गति नियंत्रण के साथ भौगोलिक परिस्थितियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए मानसून स्पेशल रिलीफ ट्रेन की तैनाती भी की गयी है।
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