
SECL Coal Mine Danger Zone: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) चिरमिरी एरिया के गोदरीपारा क्षेत्र को वर्ष 2018 में एसईसीएल द्वारा 'डेंजर जोन' घोषित किया गया था. कंपनी ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि इस क्षेत्र में भूमिगत कोयला खदानों (Coal Mines) के कारण जमीन धंसने और खिसकने का गंभीर खतरा है. बावजूद इसके, इसी संवेदनशील इलाके में स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित किया जा रहा है, जिससे छोटे-छोटे बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

एसईसीएल द्वारा जारी दस्तावेजों के अनुसार, गोदरीपारा क्षेत्र में भूमिगत आग की आशंका के साथ-साथ जमीन कभी भी धंस सकती है. वर्ष 2018 में इस संबंध में जिला प्रशासन को औपचारिक पत्र के जरिए सूचित भी किया गया था, लेकिन प्रशासन की ओर से इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया गया.
जब इस विषय पर जिला शिक्षा अधिकारी से प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई तो अधिकारी ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. इससे मामले में प्रशासनिक लापरवाही की आशंका और गहरी हो गई है.
भरतपुर-सोनहत के पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने बताया कि मैंने अपने कार्यकाल में इस गंभीर मामले को कई बार उठाया था. यह क्षेत्र माइंस एरिया है, जिसे खुद एसईसीएल (SECL) ने 2018-19 में डेंजर जोन (Danger Zone) घोषित किया है.
वहां जमीन के नीचे आग लगी हुई है, किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है. इसके बावजूद न सिर्फ स्कूल चलाया जा रहा है, बल्कि उसी क्षेत्र में जिला अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है. यह पूरी तरह से बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ है. सरकार को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए.
कांग्रेस ने भी लगाया लापरवाही का आरोप
वहीं, जिला कांग्रेस प्रवक्ता सौरव मिश्रा ने आरोप लगाया कि एसईसीएल ने स्पष्ट रूप से नोटिस जारी किया था कि यह क्षेत्र बच्चों के लिए असुरक्षित है. फिर भी स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालन किया जा रहा है, जो शिक्षा विभाग और एसईसीएल की संयुक्त लापरवाही को दर्शाता है. यदि कल को किसी बच्चे के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.
ये भी पढ़ें-