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This Article is From Oct 16, 2024

CG: बारनवापारा अभ्यारण्य में बटरफ्लाई से मिलने की तारीख हुई घोषित, तितलियों को जानने और पहचानने का मिलेगा मौका

CG News: छत्तीसगढ़ के बारनवापारा अभ्यारण्य में बटरफ्लाई से मिलने की तारीख घोषित हुई है. यहां तितलियों को जानने और पहचानने का मौका मिलेगा.आइए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी डिटेल.  

CG: बारनवापारा अभ्यारण्य में बटरफ्लाई से मिलने की तारीख हुई घोषित, तितलियों को जानने और पहचानने का मिलेगा मौका

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार वन विभाग और बारनवापारा अभ्यारण्य के संयुक्त तत्वाधान में बटरफ्लाई मीट का आयोजन किया जा रहा है. इसमें प्रकृति प्रेमियों को तितलियों को करीब से जानने और पहचानने का मौका मिलेगा. साथ ही विषय विशेषज्ञों से तितलियों के पर्यावास और उनके महत्व के संबध में महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी.

तीन दिनों का आयोजन

बटरफ्लाई मीट 21 से 23 अक्टूबर 2024 तक आयोजित होगा.इसमें भाग लेने और जानकारी प्राप्त करने के लिए विभाग ने क्यूआर कोड जनरेट किया है.जिसके माध्यम से आसानी से पंजीयन कराया जा सकता है.

मीट में प्रतिभागी स्टूडेंट के 1500 रुपए ओर अन्य व्यक्तियों के लिए 2000 रुपए पंजीयन शुल्क रखा गया है. इसके साथ ही भाग लेने के लिए 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई है.

देख सकेंगे संरक्षित प्रजाति की तितलियां 

वन विभाग के मुताबिक बारनवापारा अभ्यारण्य में 150 प्रजाति के तितली और मोथ पाई जाती हैं.जिसमें से वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की शेड्यूल वन की क्रिमसन रोज (पैचीलौप्टा हेक्टर), डनाइड इगली (हाइपो सिलिमस मिसीपस),शेड्यूल दो की सिपोरा निरिसा, होगारा एनेक्स, यूक्रीशॉप्स सीनेजस, जेनेलिया लेपीडिया रपेला वरुणा, लैंपिडर्स  बोइहन, तजुना शिप्स आदि पाई जाती है.साथ ही शेड्यूल छह की भी बहुत सी प्रजाति की तितलियां यहां पाई जाती हैं. 

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हाथियों का दल, बाघ, हिरणों का झुंड भी देख पाएंगे

बारनवापारा अभ्यारण्य में पिछले तीन सालों से 14-16 हाथियों का दल निवास कर रहा है.साथ ही यहां 8 माह से एक बाघ लगातार विचरण कर रहा है. इसके अलावा हिरण का झुंड, मोर और कई वन्य जीव को बारनवापारा अभ्यारण्य में वाइल्ड लाइफ में रुचि रखने और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के शौकीन यहां पहुंचते हैं. अभ्यारण्य क्षेत्र में वाल्मीकि आश्रम, तुरतुरिया धाम, सिद्धखोल जलप्रपात, आमाझरिया जलप्रपात, कूटन नाला झरना आकर्षण का केंद्र है. बालमदेही, जोंक और महानदी नदियां अभयारण्य की जीवन रेखा हैं, जो अभ्यारण्य की जल कमी को पूरा करने के लिए अभ्यारण्य के साथ बहती हैं. अंदर स्थित बलार जलाशय में कई आर्द्रभूमि पक्षी और मछलियां पाई जाती हैं.

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