
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले की स्कूलों में पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए सत्र प्रारंभ होने के कुछ दिन बाद से ही छात्र-छात्राओं द्वारा कलेक्टर दीपक सोनी और शिक्षा विभाग से लगातार शिक्षकों की मांग की जा रही है. इसी क्रम में कलेक्टर और शिक्षा विभाग ने स्थानीय स्तर पर प्रयास करना शुरू कर दिए हैं.
शुरुआत इग्नाइट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बेहतर व्यवस्था देने के प्रयत्न से किए गए हैं. जहां नए भवन और संसाधनों से सुसज्जित स्कूल तैयार किया गया है, वहीं शिक्षकों की कमी दूर करने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय से शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था भी की गई है.
जिले में हो रहे बेहतर प्रयास
छत्तीसगढ़ प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी के चलते हर दिन छात्रों द्वारा कहीं न कहीं प्रदर्शन किया जा रहा है. शिक्षकों की मांग को लेकर पढ़ाई छोड़कर छात्रों द्वारा सड़कों का घेराव हो रहा है. वहीं बलौदा बाजार जिले में इस समस्या के समाधान निकालने के लिए व्यवस्था बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. व्यवस्था वाला मॉडल सफल हुआ तो शिक्षकों की कमी दूर तो होगी ही पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ने से बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल पाएगी.
फिलहाल जिले के विकासखंड कसडोल स्थित इग्नाइट स्कूल को अब आधुनिक भवन, नए फर्नीचर और पर्याप्त शिक्षकों के साथ बेहतर ढंग से संचालित करने की शुरुआत की गई है. दावा किया जा रहा है कि इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने लगी है और पालकों में भी संतोष का माहौल है.
बताया जा रहा है कि यह स्कूल कक्षा पहली से आठवीं तक सेजेस स्कूल परिसर में संचालित है. प्राथमिक कक्षाओं में 83 विद्यार्थी पंजीकृत हैं. पहले यहां प्राथमिक स्तर पर एक और मिडिल स्तर पर दो शिक्षक ही पदस्थ थे, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी. वहीं विकासखंड शिक्षा अधिकारी अरविंद ध्रुव के मार्गदर्शन में स्वामी आत्मानंद स्कूल के शिक्षकों को रिक्त कालखंड में इग्नाइट स्कूल में पढ़ाने की व्यवस्था कराई गई, जिससे अब कुल 6 शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं.
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बीईओ ध्रुव ने बताया कि डीएमएफ मद से लगभग 66 लाख रुपए खर्च कर स्कूल का नया भवन तैयार हुआ है, जिसमें हवादार कक्ष, पेयजल, शौचालय, बालकनी और आधुनिक फर्नीचर की व्यवस्था की गई है. विद्यार्थियों के बैठने के लिए नए फर्नीचर और शिक्षण सामग्री की उपलब्धता से बच्चों की पढ़ाई में रुचि और सहभागिता बढ़ी है..
शिक्षकों की संख्या बढ़ने और बेहतर कक्षाओं के संचालन से बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह दिखाई दे रहा है. वहीं पालकों ने भी बच्चों में आए शैक्षणिक सुधार पर संतोष जताया है. दावा किया जा रहा है कि कलेक्टर और शिक्षा विभाग की पहल से बच्चों के भविष्य को मजबूती मिल रही है और अब इग्नाइट स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ बच्चों की उपस्थिति भी निरंतर बढ़ रही है.अब देखने की बात होगी कि शेष अन्य स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी किस तरह से शिक्षा विभाग दूर करता है. क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार हाल ही में संलग्नीकरण की व्यवस्था समाप्त कर दी है. विभिन्न स्कूलों में अटैच शिक्षकों को उनके मूल स्कूल में वापस भेज दिया गया है.
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