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Gold: धरती की सतह तक सोना कैसे पहुंचा? जानिए क्या कहती है वैज्ञानिकों की रिसर्च

Gold Deposits: क्या आप जानते हैं सोना धरती की सतह तक कैसे पहुंचा? इसका सटीक जवाब मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं की टीम ने खोज निकाला है. आइए जानते हैं नए अध्ययन में क्या कुछ सामने आया है.

Gold: धरती की सतह तक सोना कैसे पहुंचा? जानिए क्या कहती है वैज्ञानिकों की रिसर्च
Gold in Earth: धरती की सतह तक कैसे आया सोना?

Gold Complex: मिशिगन विश्वविद्यालय (University of Michigan) के एक वैज्ञानिक सहित एक रिसर्च टीम ने एक नई प्रक्रिया की खोज की है जो शोधकर्ताओं को यह समझने में मदद करेगी कि स्वर्ण भंडार (Gold Deposits) किस प्रकार बनते हैं? वैज्ञानिकों को ये पहले से पता था कि गोल्ड कॉम्प्लेक्स दो से तीन सल्फर आयन्स के साथ बॉन्ड बनाता है. लेकिन चीन, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के शोधकर्ताओं वाली टीम ने नए गोल्ड कॉम्प्लेक्स (Gold-Trisulfur Complex) का पता लगाया. यह गोल्ड-ट्राइसल्फर कॉम्प्लेक्स के अस्तित्व और महत्व के लिए एक मजबूत थर्माेथायनमिक मॉडल को प्रस्तुत करने वाला पहला अध्ययन है, जो शोधकर्ताओं को यह समझने में मदद करता है कि स्वर्ण भंडार किस प्रकार बनते हैं. यह स्टडी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की प्रोसेडिंग में शामिल है.

वैज्ञानिकों का क्या कहना है?

मिशिगन विश्वविद्यालय के पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर और इस स्टडी के सह-लेखक एडम साइमन ने बताया कि यह मॉडल गोल्ड-ट्राइसल्फर कॉम्प्लेक्स  के महत्व को उजागर करता है, जिसके अस्तित्व पर जोरदार बहस हुई है. उनके शोध से पता चला है कि सक्रिय ज्वालामुखियों के नीचे 30 से 50 मील की दूरी पर स्थित पृथ्वी के मेंटल में दबाव और तापमान के एक बहुत ही विशिष्ट सेट के तहत इस गोल्ड-ट्राइसल्फर कॉम्प्लेक्स की उपस्थिति के कारण सोने को मेंटल से मैग्मा में स्थानांतरित किया जाता है जो अंततः पृथ्वी की सतह पर चला जाता है.

साइमन ने कहा, "यह थर्मोडायनामिक मॉडल जिसे हमने प्रकाशित किया है, वह गोल्ड-ट्राइसल्फ़र कॉम्प्लेक्स की उपस्थिति को प्रदर्शित करने वाला पहला मॉडल है, जिसके बारे में हमें पहले पता नहीं था कि इन स्थितियों में इसका अस्तित्व है. यह सबडक्शन ज़ोन वातावरण में कुछ खनिज प्रणालियों में सोने की बहुत अधिक सांद्रता के लिए सबसे बेहतरीन स्पष्टीकरण है." 

उन्होंने कहा कि ज्वालामुखियों से जुड़े सोने के भंडार उन क्षेत्रों में बनते हैं, जिन्हें सबडक्शन ज़ोन कहा जाता है. सबडक्शन ज़ोन ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ एक महाद्वीपीय प्लेट अपने आस-पास की महाद्वीपीय प्लेटों के नीचे है. यहां महाद्वीपीय प्लेटें एक-दूसरे से मिलती हैं, इससे पृथ्वी के मेंटल से मैग्मा को सतह पर आने का मौका मिलता है.

कहां है भंडार?

साइमन ने कहा कि "न्यूजीलैंड से लेकर इंडोनेशिया, फिलीपींस, जापान, रूस, अलास्का, पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा से लेकर चिली तक प्रशांत महासागर के आसपास के सभी महाद्वीपों पर बहुत सारे सक्रिय ज्वालामुखी हैं. ये सभी सक्रिय ज्वालामुखी सबडक्शन ज़ोन के वातावरण में या उसके ऊपर बनते हैं. ज्वालामुखी विस्फोट के परिणामस्वरूप होने वाली वही प्रक्रियाएँ सोने के भंडार बनाती हैं."

साइमन ने कहा कि "ये परिणाम इस बात की बहुत मजबूत समझ प्रदान करते हैं कि कुछ सबडक्शन ज़ोन में बहुत ज़्यादा सोने से भरपूर अयस्क जमा होने का क्या कारण है. इस अध्ययन के परिणामों को मौजूदा अध्ययनों के साथ मिलाने से अंततः हमारी समझ में सुधार होता है कि सोने के भंडार कैसे बनते हैं और जांच-पड़ताल पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है."

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