
CG News Good Governance: छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur) जिले के अति सुदूर गांव तिमेनार में मुख्यमंत्री मजरा-टोला विद्युतीकरण योजना के तहत आजादी के 77 वर्षों बाद पहली बार बिजली पहुंची. सरकार ने इस बारे में कहा है कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि माओवादी आतंक के अंधियारे को चीरकर विकास, अमन और शांति के नए सबेरे की ओर कदम बढ़ाने का प्रतीक है. तिमेनार में अब भय की जगह उजाला और आतंक की जगह उम्मीद ने ले ली है. गांव के 53 घरों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया है, जिससे पूरे गांव में हर्ष और उल्लास का माहौल है.
"पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" से बिल रहित बिजली का सपना हो रहा साकार,
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) March 23, 2025
अब इस पर सब्सिडी देगी हमारी सरकार।#संवर_रहा_छत्तीसगढ़@narendramodi pic.twitter.com/aA2IArw8mK
दूर हो रहा भय और असुरक्षा
भैरमगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत बेचापाल के आश्रित गांव तिमेनार के निवासियों ने पीढ़ियों तक बिजली की रोशनी नहीं देखी थी. अब, जब शासन-प्रशासन ने इन दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच बनाकर जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना शुरू किया है, तो ग्रामीणों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का सपना साकार हो रहा है.
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ग्रामीणों की जुबानी सुनिए कहानी
गांव के निवासी मशराम, पंडरु कुंजाम, मंगली और प्रमिला वेको ने बताया कि गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, अब रात के अंधेरे से डर नहीं लगता. जंगली जानवरों, सांप-बिच्छू के भय से भी मुक्ति मिली है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई आसान हो गई है, और अब हम भी विकास की दौड़ में शामिल हो रहे हैं."
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सीएम साय ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जहां कल तक नक्सली आतंक का साया था, वहां आज विकास की किरणें फैल रही हैं. यह परिवर्तन ही असली जीत है. तिमेनार में हुआ विद्युतीकरण बस्तर के दूरस्थ अंचलों में सुशासन और विकास के नए युग की शुरुआत का संकेत है. अब यह क्षेत्र माओवाद के डर से मुक्त होकर समृद्धि और उजाले की ओर अग्रसर हो रहा है.
यह परिवर्तन केवल एक योजना की सफलता नहीं, बल्कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता, प्रशासन की सक्रियता और जनता के विश्वास का प्रतिफल है. तिमेनार में सुशासन से हो रहे बदलाव की यह यात्रा बताती है कि जब इरादे मजबूत हों और नीति जन-केंद्रित हो, तो कोई भी दुर्गमता विकास के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती.
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