Environmental Conservation
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
विश्व पर्यावरण दिवस पर कलेक्टर ने रोपे पौधे, पेड़ बचाओ का दिया नारा
- Wednesday June 5, 2024
- Reported by: ज्ञान शुक्ला, Edited by: Amisha
World Environment Day : भू जल स्तर (Groundwater Level) लगातार गिरता जा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण पानी की बर्बादी है. इसके अलावा हर जगह पर रोड बनाए जाने के लिए कंक्रीटीकरण किया जा रहा है. इससे बारिश का पानी जमीन के अंदर नहीं जा पाता.
- mpcg.ndtv.in
-
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मिलेट प्रोडक्ट को मिला अच्छा रिस्पांस, भोपाल के प्रोड्यूसर ने साझा किया अनुभव
- Saturday March 2, 2024
- Written by: Amisha
Regional Industry Conclave: उज्जैन (Ujjain) में हुई दो दिवसीय रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव (Regional Industry Conclave) में मिलेट प्रोडक्ट को प्रदर्शनी के दर्शकों से अच्छा रिस्पांस मिला. भोपाल के मिलेट प्रोड्यूसर के ए.के. सिंह ने बताया कि उनका प्लांट डिंडोरी में स्थापित है और भोपाल (Bhopal) में भी इसकी एक इकाई लगाई गई है.
- mpcg.ndtv.in
-
सतना में दो सालों के अंदर बढ़े 1 हज़ार गिद्ध, वन विभाग के अधिकारियों में ख़ुशी की लहर
- Friday February 23, 2024
- Reported by: ज्ञान शुक्ला, Edited by: Amisha
पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले गिद्धों के लिए सतना की आबोहवा अनुकूल हो रही है. एक दौर में विलुप्त होने की कगार पर जा पहुंचे गिद्धों की संख्या में इस बार बड़ा इजाफा देखने को मिला है.
- mpcg.ndtv.in
-
सुकमा: पर्यटकों को लुभाने के लिए करोड़ों खर्च करके बना था तुंगल बांध, अब हुआ बदहाली का शिकार
- Friday February 16, 2024
- Reported by: Saleem Sheikh, Edited by: Amisha
जिले का इकलौता तुंगल ईको पर्यटन स्थल बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है. वन विभाग की तरफ से तुंगल बांध को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए करीब डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा की राशि खर्च की गई है. इसमें कैंपा और विभागीय की मदद भी ली गई थी... लेकिन वन विभाग की उदासीनता और रख रखाव के अभाव के चलते तुंगल बांध पूरी तरह से बदहाल हो गया है.
- mpcg.ndtv.in
-
उज्जैन में सिंहस्थ मेले से पहले क्षिप्रा को शुद्ध करने के लिए 600 करोड़ की परियोजना हुई तैयार
- Friday February 16, 2024
- Reported by: भाषा, Edited by: Amisha
उज्जैन में साल 2028 में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले से क्षिप्रा नदी को प्रदूषणमुक्त करने के लिए इंदौर के जिला प्रशासन ने 600 करोड़ की लागत वाली परियोजना का खाका तैयार किया है. इसमें 11 नये सीवेज उपचार संयंत्र (STP) लगाया जाना और 450 किलोमीटर लंबी सीवेज लाइन बिछाया जाने के काम शामिल हैं. प्रशासन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
- mpcg.ndtv.in
-
भोपाल में अनोखी पहल ! सरकारी अस्पताल में 'हर्बल बगीचा' खुलने से लोगों को मिल रहा ये फायदा
- Monday January 29, 2024
- Reported by: Amritanshi joshi, Edited by: Amisha
आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अनोखी पहल शुरू की गई है.भोपाल जेपी अस्पताल में एक हर्बल बोटैनिकल गार्डन तैयार किया गया है. खास बात ये है कि इस गार्डन को तैयार करने की पहल खुद अस्पताल प्रशासन ने की है. इसकी मदद से मरीजों समेत तमाम लोगों को काफी फायदा मिलेगा.
- mpcg.ndtv.in
-
Chhattisgarh News: गोबर स्टिक बनाने की मशीन बंद, SLRM सेंटर में 3 सालों से नहीं हुआ कोई काम
- Friday January 19, 2024
- Reported by: मनोज सिंह, Edited by: Amisha
बैकुंठपुर में नगर पालिका ने 3 साल पहले SLRM (Solid and Liquid Resource Management) सेंटर में गोबर स्टिक बनाने के लिए मशीन लगवाई थी. इसका मकसद लकड़ी के इस्तेमाल को काम करवाना था. दरअसल, लड़की के इस्तेमाल से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता हैं... लेकिन नए विकल्प के आने के बाद भी यह पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है.
- mpcg.ndtv.in
-
विश्व पर्यावरण दिवस पर कलेक्टर ने रोपे पौधे, पेड़ बचाओ का दिया नारा
- Wednesday June 5, 2024
- Reported by: ज्ञान शुक्ला, Edited by: Amisha
World Environment Day : भू जल स्तर (Groundwater Level) लगातार गिरता जा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण पानी की बर्बादी है. इसके अलावा हर जगह पर रोड बनाए जाने के लिए कंक्रीटीकरण किया जा रहा है. इससे बारिश का पानी जमीन के अंदर नहीं जा पाता.
- mpcg.ndtv.in
-
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मिलेट प्रोडक्ट को मिला अच्छा रिस्पांस, भोपाल के प्रोड्यूसर ने साझा किया अनुभव
- Saturday March 2, 2024
- Written by: Amisha
Regional Industry Conclave: उज्जैन (Ujjain) में हुई दो दिवसीय रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव (Regional Industry Conclave) में मिलेट प्रोडक्ट को प्रदर्शनी के दर्शकों से अच्छा रिस्पांस मिला. भोपाल के मिलेट प्रोड्यूसर के ए.के. सिंह ने बताया कि उनका प्लांट डिंडोरी में स्थापित है और भोपाल (Bhopal) में भी इसकी एक इकाई लगाई गई है.
- mpcg.ndtv.in
-
सतना में दो सालों के अंदर बढ़े 1 हज़ार गिद्ध, वन विभाग के अधिकारियों में ख़ुशी की लहर
- Friday February 23, 2024
- Reported by: ज्ञान शुक्ला, Edited by: Amisha
पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले गिद्धों के लिए सतना की आबोहवा अनुकूल हो रही है. एक दौर में विलुप्त होने की कगार पर जा पहुंचे गिद्धों की संख्या में इस बार बड़ा इजाफा देखने को मिला है.
- mpcg.ndtv.in
-
सुकमा: पर्यटकों को लुभाने के लिए करोड़ों खर्च करके बना था तुंगल बांध, अब हुआ बदहाली का शिकार
- Friday February 16, 2024
- Reported by: Saleem Sheikh, Edited by: Amisha
जिले का इकलौता तुंगल ईको पर्यटन स्थल बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है. वन विभाग की तरफ से तुंगल बांध को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए करीब डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा की राशि खर्च की गई है. इसमें कैंपा और विभागीय की मदद भी ली गई थी... लेकिन वन विभाग की उदासीनता और रख रखाव के अभाव के चलते तुंगल बांध पूरी तरह से बदहाल हो गया है.
- mpcg.ndtv.in
-
उज्जैन में सिंहस्थ मेले से पहले क्षिप्रा को शुद्ध करने के लिए 600 करोड़ की परियोजना हुई तैयार
- Friday February 16, 2024
- Reported by: भाषा, Edited by: Amisha
उज्जैन में साल 2028 में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले से क्षिप्रा नदी को प्रदूषणमुक्त करने के लिए इंदौर के जिला प्रशासन ने 600 करोड़ की लागत वाली परियोजना का खाका तैयार किया है. इसमें 11 नये सीवेज उपचार संयंत्र (STP) लगाया जाना और 450 किलोमीटर लंबी सीवेज लाइन बिछाया जाने के काम शामिल हैं. प्रशासन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
- mpcg.ndtv.in
-
भोपाल में अनोखी पहल ! सरकारी अस्पताल में 'हर्बल बगीचा' खुलने से लोगों को मिल रहा ये फायदा
- Monday January 29, 2024
- Reported by: Amritanshi joshi, Edited by: Amisha
आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अनोखी पहल शुरू की गई है.भोपाल जेपी अस्पताल में एक हर्बल बोटैनिकल गार्डन तैयार किया गया है. खास बात ये है कि इस गार्डन को तैयार करने की पहल खुद अस्पताल प्रशासन ने की है. इसकी मदद से मरीजों समेत तमाम लोगों को काफी फायदा मिलेगा.
- mpcg.ndtv.in
-
Chhattisgarh News: गोबर स्टिक बनाने की मशीन बंद, SLRM सेंटर में 3 सालों से नहीं हुआ कोई काम
- Friday January 19, 2024
- Reported by: मनोज सिंह, Edited by: Amisha
बैकुंठपुर में नगर पालिका ने 3 साल पहले SLRM (Solid and Liquid Resource Management) सेंटर में गोबर स्टिक बनाने के लिए मशीन लगवाई थी. इसका मकसद लकड़ी के इस्तेमाल को काम करवाना था. दरअसल, लड़की के इस्तेमाल से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता हैं... लेकिन नए विकल्प के आने के बाद भी यह पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है.
- mpcg.ndtv.in