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Year Ender 2023: चुनावी वर्ष के दौरान MP-छत्तीसगढ़ में हुई विवादित बयानों की बारिश, इस साल ये बयान रहे चर्चा में

2023 Year in Review: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनावी साल 2023 के दौरान के जमकर बयानबाजी हुई. जिसके कारण कुछ नेता मुश्किल में भी फंसे. हम आपको ऐसे ही 12 बयानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल बेहद चर्चा में रहे.

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Year Ender 2023: चुनावी वर्ष के दौरान MP-छत्तीसगढ़ में हुई विवादित बयानों की बारिश, इस साल ये बयान रहे चर्चा में
इन नेताओं के बयान रहे बेहद चर्चा में रहे.

Controversial Statements of 2023 in Madhya Pradesh and Chhattisgarh: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (MPCG) के लिए वर्ष 2023 बेहद खास रहा. जहां एक ओर चुनावी साल होने की वजह से केंद्र और राज्य के बड़े नेताओं के एक के बाद एक दौरे होते रहे, वहीं इन दौरों के साथ ही चुनावी बयानबाजी बढ़ती गई. इस दौरान कुछ नेताओं ने बहुत ही विवादित बयान दे डाले, जिसकी वजह से उन्हें चुनाव आयोग ने नोटिस भी थमाया. 2023 में मध्य प्रदेश में 'कपड़े फाड़ राजनीति', 'एमपी के मन में मोदी, मोदी के मन में एमपी', 'जय-वीरू', 'अपने बेटों की राजनीतिक हत्या' और 'अधिकारियों को धमकी देने' जैसे बयान चर्चा में रहे.

वहीं छत्तीसगढ़ में '30 टके कक्का खुलेआम सट्टा', 'आप इन्हें जिता दो बड़ा आदमी बना दूंगा', 'दारू का सरदार' और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर पर विवादित टिपण्णी करने जैसे बयानों पर जमकर राजनीति हुई. आइए ऐसे ही कुछ बयानों पर नजर डालते हैं, जो वर्ष 2023 के दौरान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देशभर में चर्चा में रहे.

आप इन्हें जिता दो बड़ा आदमी बना दूंगा: शाह

छत्तीसगढ़ में चुनावी प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कुनकुरी से बीजेपी उम्मीदवार विष्णुदेव साय को लेकर अपने भाषण में कहा था, "विष्णुदेव साय हमारे अनुभवी कार्यकर्ता हैं, नेता हैं. वे सांसद रहे, विधायक रहे और प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. एक अनुभवी नेता को आपके सामने बीजेपी लेकर आई है, आप उनको विधायक बना दो, इनको बड़ा आदमी बनाने का काम हम करेंगे." अमित शाह का यह बयान छत्तीसगढ़ की राजनीति में खूब चर्चा में रहा. उनके इस बयान के बाद से लगने लगा था कि अगर छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बहुमत मिलती है और उसकी सरकार बनती है तो विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.

एमपी के मन में मोदी, मोदी के मन में एमपी: बीजेपी

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने नारा दिया, "एमपी के मन में मोदी, मोदी के मन में एमपी". इस नारे के साथ बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाया और मध्य प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की.

दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़िए: कमलनाथ

मध्य प्रदेश की सियासत उस समय गरमा गई जब वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थकों को कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह का कुर्ता फाड़ने की बात कही. इस बयान को बीजेपी ने एक मौके की तरह भुनाया और सोशल मीडिया में शेयर करते हुए कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा. दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में टिकट बांटने के काम चल रहा था. बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए वीरेंद्र रघुवंशी को शिवपुरी से टिकट मिलने की उम्मीद थी. लेकिन, कांग्रेस ने उन्हें शिवपुरी से टिकट नहीं दिया. जिसके बाद उनके समर्थकों ने भोपाल में कमलनाथ के सामने प्रदर्शन किया.

इस दौरान कमलनाथ समर्थकों से कहते दिखे, "मैं शिवपुरी के लिए दिग्विजय सिंह और जयवर्धन से बात करूंगा. जैसा वे कहेंगे वैसा करेंगे. मैं वीरेंद्र को तुम लोंगो से ज्यादा जानता हूं. तुम लोग मुझे क्या समझाने आए हो. अब जाकर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन के कपड़े फाड़ो, ये मत कहना कि मैंने बोला है". कमलनाथ के इस बयान का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत में भारी गर्माहट देखने को मिली. इसके साथ कांग्रेस के अंदरूनी कलह की भी चर्चाएं उठीं.

30 टके कक्का खुलेआम सट्टा: पीएम मोदी

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाला पर जमकर राजनीति हुए. महादेव सट्टेबाजी ऐप के आरोपी ने कथित तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये देने का आरोप लगाया था. जिसके बाद बीजेपी कांग्रेस और भूपेश बघेल पर हमलावर हो गई थी. छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी प्रचार के दौरान भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा था, यहां 30 टके कक्का खुलेआम सट्टा चला रहे हैं. जिसके बाद बीजेपी के नेताओं ने भी इस बयान को कई बार दोहराया था.

विजयवर्गीय ने अपने दो बेटे की राजनीतिक हत्या की: संजय शुक्ला

बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 से टिकट मिलने पर तत्कालीन कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि विजयवर्गीय ने अपने दो बेटे की राजनीतिक हत्या की. दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय को टिकट मिलने के बाद मीडिया ने संजय शुक्ला से सवाल किया कि आप उन्हें कितनी चुनौती मानते हैं. जिसपर संजय शुक्ला ने कहा, "मैं कैलाश जी को कोई चुनौती नहीं मानता. क्योंकि परिवार में बेटे से बड़ा कोई नहीं होता है, उन्होंने सबसे पहले बेटे की बली चढ़ाई. फिर एक दूसरा बेटा मैं भी हूं, क्योंकि उनको चुनाव लड़ाने में मेरे पिताजी की अहम भूमिका रही. तो दो बेटे की वो राजनीतिक हत्या करना चाहते हैं."

एक अकबर आता है तो सौ अकबर आ जाते हैं: हिमंत बिस्वा सरमा

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री और कवर्धा से विधायक रहे मोहम्मद अकबर पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, "छत्तीसगढ़ मां कौशल्या की भूमि है. इतिहास गवाह है अगर किसी जगह एक अकबर आता है तो वो सौ अकबर को बुलाता है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके, उसे विदा करो, नहीं तो मां कौशल्या का धरती अपवित्र हो जाएगी." हिमंत बिस्वा सरमा के इस बयान पर जमकर विवाद हुआ था. चुनाव आयोग ने भी उनके इस बयान पर नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था.

दिग्विजय सिंह और कमलनाथ का रिश्ता जय-वीरू जैसा: सुरजेवाला

मध्य प्रदेश में टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के अंदर कलह की खबरें आ रही थी. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कुर्ता फाड़ वाले बयान के बाद इस बात ने और तूल पकड़ लिया. जिसके बाद कांग्रेस महासचिव और तत्कालीन प्रदेश प्रभारी रहे रणदीप सुरजेवाला ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की तलना शोले फिल्म के जय-वीरू से की. कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा, "दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच वही रिश्ता है जो शोले फिल्म में धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन के बीच था. न ही फिल्म का गब्बर उन्हें लड़ा पाया और ना ही बीजेपी का गब्बर इन दोनों नेताओं को आपस में लड़ा पाएगा. दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और हमारे सभी नेताओं के बीच प्यार और आपसी सहमति है जो विकास और प्रगति के लिए है."

कौन अखिलेश-वखिलेश: कमलनाथ

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में सीट बंटवारे को लेकर कलह देखने को मिली थी. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक विवादित बयान देकर दोनों पार्टी के बीच तल्खी और बढ़ा दी. दरअसल, सीट बंटवारे को लेकर अखिलेश के बयान पर मीडिया द्वारा सवाल पूछने पर कमलनाथ ने कहा, "अरे भई छोड़ो अखिलेश-वखिलेश को...". कमलनाथ के इस बयान पर सपा और कांग्रेस के बीच जमकर बयानबाजी हुई. कांग्रेस को उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी मध्य प्रदेश की विधानसभा सीटों पर इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा.

दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दावा किया था कि मध्य प्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में बातचीत चल रही है. लेकिन, कांग्रेस द्वारा सीट नहीं दिए जाने पर अखिलेश यादव ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने ये तक कह दिया था कि अगर उन्हें पता होता कि प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं हुआ है मैं अपने नेताओं तो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के पास नहीं भेजता.

मुझे टिकट मिलते ही अफसरों की नींद उड़ी: कैलाश विजयवर्गीय

विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान जमकर वायरल हुआ. जिसमें वे मध्य प्रदेश के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए दिखते हैं. दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 से टिकट मिलने के बाद उन्होंने खुले मंच से कहा, "मध्य प्रदेश में ऐसा कोई अधिकारी पैदा नहीं हुआ जो मैं फोन करूं और काम ना हो. मेरा टिकट होते ही अधिकारियों की नींद उड़ गई है." उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, "चिंता मत करना काम होगा, विकास होगा और कार्यकर्ताओं का सम्मान होगा. मैं 10-12 साल से इंदौर से बाहर था, इसलिए यहां कोई हस्तक्षेप नहीं करता था. लेकिन अब इंदौर वापस आ गया हूं. यकीन मानो विधानसभा एक के कार्यकर्ताओं को मान सम्मान मिलेगा."

हिमंत बिस्वा सरमा ने भूपेश बघेल को कहा दारू का सरदार

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने भूपेश बघेल को जमकर टारगेट किया था. उन्होंने कहा था, "भूपेश बघेल ने कहा था छत्तीसगढ़ में शराब बंद करेंगे लेकिन आज पूरा देश जानता है कि भूपेश बघेल 'दारू के सरदार' बन चुके हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ में हर जगह शराब का ठेका लगा दिया है." सरमा के इस बयान राज्य की राजनीति में तूल पकड़ा था. जिसके बाद जमकर सियासत देखने को मिली थी.

तुम्हारी औकात क्या है? तुम्हारे बाप ने दूध पिलाया है... : मोहन यादव

मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री और तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान अपना आपा खो दिया. उज्जैन दक्षिण से प्रत्याशी रहे मोहन यादव ने एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं पर विवादित टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "सुन लो रे कांग्रेसियों तुम्हारी औकात ही क्या है...? अभी भी तुम्हारी औकात ठिकाने नहीं आई है. उज्जैन में होने वाले विकास के काम में अड़ंगा लगाओगे. तुम्हारे बाप ने दूध पिलाया है. तुम्हारी औकात क्या है....? देखो रे कांग्रेसियों तुम्हारे पते नहीं लगेंगे. तुम्हें उज्जैन की जनता ने चार-चार बार धूल चटाई है, फिर भी तुम्हारी औकात ठिकाने नहीं आई. तुमने जीवन में सिर्फ उल्टे-पुल्टे काम ही किए हैं, तुम गुंडागर्दी के अलावा और कुछ जानते भी नहीं हो, तुम्हें जनता ठिकाने लगाएगी." मोहन यादव के इस बयान पर यादव समाज ने उनकी घोर आलोचना की थी.

अधिकारियों का हिसाब लिया जाएगा: कमलनाथ

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से करीब 8 महीने पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के अधिकारियों को खुले मंच से धमकी दी. उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं से कहा, "याद रखिए आठ महीनें में चुनाव हैं, डरिएगा मत आक्रामक रहिएगा. अधिकारियों और पुलिस से कह दीजिएगा आठ महीने में हम आपसे हिसाब लेंगे. और सब कर्मचारी और पुलिस के लोग कान खोल के सुन लें कि उनका अच्छा हिसाब लिया जाएगा."

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