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DPI Order: सर्दियों में रंग-बिरंगे स्वेटर पहनने पर रोक नहीं; लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी किए निर्देश

Lok Shikshan Sanchanalaya MP: लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया है कि इन आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करवाया जाए. यदि किसी स्कूल में इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाया जाता है, तो प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है.

DPI Order: सर्दियों में रंग-बिरंगे स्वेटर पहनने पर रोक नहीं; लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी किए निर्देश
DPI Order: सर्दियों में रंग-बिरंगे स्वेटर पहनने पर रोक नहीं; लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी किए निर्देश

MP News: सर्दियों के बढ़ते असर के बीच मध्यप्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय (Lok Shikshan Sanchanalaya) ने स्कूलों में छात्रों से जुड़े मानकों को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं. हाल ही में कई जिलों से शिकायतें मिली थीं कि कुछ स्कूल बच्चों को यूनिफॉर्म (School Uniform) के तय रंग या डिज़ाइन से अलग स्वेटर (Sweaters) पहनने पर कक्षा में प्रवेश नहीं दे रहे हैं. इस पर संचालनालय ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी परिस्थिति में केवल स्वेटर के रंग या पैटर्न बदलने पर बच्चे को क्लास से बाहर नहीं किया जा सकता.

Lok Shikshan Sanchanalaya MP: आदेश की कॉपी

Lok Shikshan Sanchanalaya MP: आदेश की कॉपी

ऐसा है निर्देश

मध्यप्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि ठंड के मौसम में बच्चे अपनी सुविधा और उपलब्धता के अनुसार स्वेटर पहनते हैं. कई बार आर्थिक स्थिति, दूरी या स्थानीय तापमान में अंतर की वजह से अभिभावक तत्काल स्कूल द्वारा निर्धारित रंग का स्वेटर उपलब्ध नहीं करा पाते. ऐसे में किसी छात्र को तंग करना, क्लास में बैठने से रोकना या उसकी उपस्थिति दर्ज न करना अनुचित और नियमों के विपरीत है. संचालनालय ने इसे मानवीय संवेदनाओं और छात्र हितों के विरुद्ध बताया है.

निर्देश में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुछ स्कूलों में छात्रों को कक्षा में प्रवेश से पहले चप्पल या फुटवियर उतारने के लिए बाध्य किया जाता है. इसे स्कूल प्रशासन की गलत और अव्यवहारिक प्रथा बताते हुए कहा गया है कि ठंड के मौसम में ऐसा करना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. बच्चों को मजबूर करना न तो नैतिक है और न ही किसी शिक्षा संबंधी मानक का हिस्सा. इसलिए राज्य के सभी स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे किसी भी छात्र को चप्पल या जूते उतरवाकर क्लास में भेजने की प्रथा तुरंत बंद करें.

लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया है कि इन आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करवाया जाए. यदि किसी स्कूल में इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाया जाता है, तो प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है. संचालनालय का कहना है कि बच्चों का स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान सर्वोपरि है, इसलिए सर्दियों के मौसम में किसी भी छात्र को गैरजरूरी नियमों के कारण प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए. नए आदेशों का उद्देश्य सभी बच्चों को सुरक्षित, सहज और समान शैक्षणिक वातावरण प्रदान करना है.

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