Indore-1 Assembly Constituency Result: मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र की सियासत इंदौर के इर्द-गिर्द घूमती रही है. इस बार भी इंदौर शहर की इंदौर-1 सीट (Indore-1 Assembly Constituency) खूब चर्चा में रही. इसका कारण एक और है, वह ये कि इस बार बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय मैदान में उतरे थे. अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को चुनावी मैदान में उतारने के बाद कैलाश विजयवर्गीय (BJP Candidate Kailash Vijayvargiya) ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया था. लेकिन, इस बार पार्टी आलाकमान ने 7 सांसदों और मंत्रियों के साथ विजयवर्गीय को भी मैदान में उतार दिया. इसका कारण ये भी है कि वह प्रदेश में सीएम चेहरा भी हो सकते हैं. जिसके बाद कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर सियासी मैदान में किस्मत आजमाने उतर आए.
विजयवर्गीय के मैदान में उतरने से बीजेपी को इंदौर समेत समूचे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में फायदा हुआ. बीजेपी ने इस बार इंदौर की सभी 9 सीटों में जीत दर्ज की. इसके साथ ही मालवा-निमाड़ की 66 में से 48 सीटें जीत ली.
विजयवर्गीय ने शुक्ला को बड़े अंतर से हराया
कैलाश विजयवर्गीय का मुकाबला कांग्रेस के वर्तमान विधायक संजय शुक्ला (Congress Candidate Sanjay Shukla) से था. पिछले चुनाव की बात करें तो, यहां कुल मिलाकर 329945 मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शुक्ला को 114555 वोट देकर जिताया था. जबकि, बीजेपी उम्मीदवार सुदर्शन गुप्ता को 106392 वोट मिले थे, और वह 8163 वोटों से हार गए थे. इस बार के चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय ने 57,939 वोटों के बड़े अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला को हराया है. संजय शुक्ला को 1,00,184 वोट मिले, जबकि कैलाश विजयवर्गीय को 1,58,123 वोट मिले.
शुक्ला के बयान ने बटोरी सुर्खियां
कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर-1 विधानसभा क्षेत्र से उतरने के बाद विधायक संजय शुक्ला का एक बयान बहुत चर्चा में आया था. जिसमें उन्होंने खुद को विजयवर्गीय का बेटा बताते हुए कहा था कि कैलाश विजयवर्गीय अपने दो बेटों की राजनीतिक हत्या करना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि विजयवर्गीय ने सबसे पहले अपने बेटे की बली चढ़ाई, जबकि परिवार में बेटे से बड़ा किसी को नहीं माना जाता. इसके साथ ही शुक्ला ने कहा था कि विजयवर्गीय का दूसरा बेटा मैं भी हूं, क्योंकि उनके सियासत में आने में मेरे पिता ने उनका सहयोग किया था, तो मैं भी उनका बेटा हुआ. अब वे अपने दोनों बेटों की राजनीतिक बली चढ़ाना चाहते हैं.
शुक्ला के इस बयान को कैलाश के बेटे आकाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला के राजनीतिक भविष्य से जोड़कर देखा जा रहा था. सियासी गलियारों में यह खूब चर्चा थी कि कैलाश को टिकट मिलने के बाद आकाश को टिकट मिलना मुश्किल है. और कैलाश विजयवर्गीय के मैदान में उतरते ही पलड़ा बीजेपी की तरफ झुक गया था और शुक्ला को हार का डर सताने लगा. जिसकी वजह से शुक्ला ने ऐसा बयान दिया.
ये भी पढ़ें - MP Election 2023: मध्य प्रदेश में BJP की जीत पर दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल, बोले- कैसे बदल गया वोटिंग पैटर्न
ये भी पढ़ें - NCRB Report: छात्रों के आत्महत्या के मामले में दूसरे और नाबालिग से बलात्कार के मामले में तीसरे स्थान पर है MP