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NCRB Report: छात्रों के आत्महत्या के मामले में दूसरे और नाबालिग से बलात्कार के मामले में तीसरे स्थान पर है MP

National Crime Records Bureau Datat: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने सोमवार को वर्ष 2022 के दौरान देश भर में हुए अपराधों का ब्यौरा दिया है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश उस शीर्ष राज्यों में से एक है, जहां महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की संख्या ज्यादा देखी गई है.

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NCRB Report:  छात्रों के आत्महत्या के मामले में दूसरे और नाबालिग से बलात्कार के मामले में तीसरे स्थान पर है MP
प्रतीकात्मक फोटो

Crime in Madhya Pradesh: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने सोमवार को वर्ष 2022 के दौरान देश भर में हुए अपराधों का ब्यौरा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के अधीन काम करने वाली एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) उस शीर्ष राज्यों में से एक है, जहां महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की संख्या ज्यादा देखी गई है. इसके साथ ही कंपटेटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के आत्महत्या के मामले में और ओवरऑल आत्महत्या के मामलों में भी मध्य प्रदेश शीर्ष राज्यों में शामिल है. 

बलात्कार के मामले MP तीसरे नंबर पर

एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में मध्य प्रदेश में 3,046 महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार (Rape Cases) और सामूहिक बलात्कार के माले दर्ज किए गए. इस मामले में मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर रहा. वहीं 5408 मामलों के साथ 28 प्रदेशों में राजस्थान टॉप पर है. इसके बाद उत्तर प्रदेश है, जहां 3,692 मामले दर्ज किए गए. रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 22 महिलाओं को रेप की कोशिश का सामना करना पड़ा, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल थीं.

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इसके साथ ही रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि बलात्कार के इरादे से देश भर में महिलाओं पर बड़ी संख्या में हमले किए गए. मध्य प्रदेश में कुल मिलाकर 5567 महिलाएं ऐसे हमलों का शिकार हुईं. इनमें से 919 पीड़ित महिलाएं 18 साल से कम उम्र की थी. मध्य प्रदेश में 46 महिलाएं अनैतिक तस्करी का शिकार हुईं और तीन बच्चों को वेश्यावृत्ति के धंधे के लिए बेच दिया गया.

नाबालिग से बलात्कार के मामले में तीसरे नंबर पर MP

मध्य प्रदेश में यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO), बाल बलात्कार (IPC के 379), यौन उत्पीड़न (IPC के 354) और POCSO अधिनियम (509 IPC) के तहत यौन उत्पीड़न के मामले बड़ी संख्या में सामने आए हैं. इस मामले में मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है. प्रदेश में पिछले साल POCSO संबंधित धाराओं के तहत कुल 5951 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 3,653 मामले बलात्कार के, 2,233 मामले यौन उत्पीड़न के और 42 मामले उत्पीड़न से संबंधित थे. वहीं महिलाओं को निशाना बनाने, यौन रूप से स्पष्ट सामग्री प्रसारित करने और ब्लैकमेलिंग, मानहानि के मामलों में साइबर अपराध की बात करें तो, एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक मध्य प्रदेश देश में 10वें स्थान पर है.

महिलाओं के खिलाफ कुल मामलों पर पांचवें स्थान पर MP

वर्ष 2022 के दौरान मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ कुल 32,765 आपराधिक मामले दर्ज किए गए. मध्य प्रदेश इस मामले में देश में पांचवें स्थान पर है. पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश (65,743), दूसरे पर महाराष्ट्र (45,331), तीसरे पर राजस्थान (45,058) और चौथे स्थान पर पश्चिम बंगाल (34,738) है. एनसीआरबी के अनुसार 2022 के दौरान देश में महिलाओं के खिलाफ जितने मामले दर्ज किए गए उनमें से करीब 50 प्रतिशत (2,23,635) इन पांच राज्यों में दर्ज किए गए.

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वहीं 2022 के दौरान देश में ओवरऑल महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात करें तो, देश में महिलाओं के खिलाफ कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए. ये आंकड़े पिछले दो साल से ज्यादा हैं. एनसीआरबी के मुताबिक, 2021 में 4,28,278 जबकि 2020 में 3,71,503 मामले दर्ज किए गए थे. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2022 में महिलाओं के खिलाफ हर घंटे लगभग 51 आपराधिक मामले दर्ज किए गए. इन मामलों में सबसे ज्यादा मामले घरेलू उत्पीड़न (31.4%) के दर्ज किए गए. वहीं अपहरण (19.2%), महिलाओं पर हमला (18.7%) और बलात्कार के 7.1% मामले सामने आए.

छात्रों के आत्महत्या के मामले में MP दूसरे नंबर पर

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में देश में 13,000 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की. जिनमें 18 वर्ष से कम उम्र के 10,000 से अधिक आत्महत्या के मामले शामिल हैं, जबकि 2,000 से अधिक छात्रों के लिए, परीक्षा में असफलता आत्महत्या का कारण थी. 2022 में आत्महत्या से होने वाली सभी मौतों में 7.6% छात्र थे. रिपोर्ट से यह भी पता चला कि 18 वर्ष से कम उम्र के 1,123 छात्रों की आत्महत्या का कारण परीक्षा में असफलता थी. इनमें से 578 लड़कियां और 575 लड़के थे. अलग-अलग आयु समूहों में, परीक्षाओं में असफल होने के बाद आत्महत्या करके 2,095 लोगों की मौत हुई. यह संख्या महाराष्ट्र (378) में सबसे अधिक थी, इसके बाद मध्य प्रदेश (277), झारखंड (174), कर्नाटक (162) और गुजरात (155) है.

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कुल मिलाकर, 2022 में 18 वर्ष से कम उम्र के 10,295 बच्चों ने आत्महत्या की. लड़कों (4,616) की तुलना में लड़कियों (5,588) में आत्महत्या की संख्या थोड़ी अधिक थी. रिपोर्ट से यह भी पता चला कि मौतों का सबसे अधिक प्रतिशत माध्यमिक स्तर की शिक्षा वाले लोगों में देखा गया, जो 2022 में सभी आत्महत्याओं का 23.9% था. शिक्षा के बिना लोगों की संख्या सभी आत्महत्या से होने वाली मौतों का 11.5% थी.

आत्महत्या के मामलों में MP तीसरे स्थान पर

देश में ओवरऑल आत्महत्या के मामलों की बात करें तो 22,746 मौतों के साथ, महाराष्ट्र में सबसे अधिक आत्महत्याएं दर्ज की गईं, इसके बाद तमिलनाडु में 19,834 और मध्य प्रदेश में 15,386 आत्महत्याएं दर्ज की गईं. वहीं आत्महत्या दर की बात की जाए तो सिक्किम में 43.1 के साथ सबसे अधिक आत्महत्या दर दर्ज की गई, इसके बाद केरल में 28.5 और छत्तीसगढ़ में 28.2 है. आत्महत्या दर की गणना प्रति एक लाख जनसंख्या पर होने वाली मौतों की संख्या से की जाती है.

देश से ज्यादा रहा MP का औसत अपराध दर

एनसीआरबी के अनुसार देश में 2022 के दौरान अपराध दर औसत 66.4 दर्ज की गई, जबकि ऐसे 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जिनकी अपराध दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा दर्ज की गई. इन राज्यों में सबसे टॉप पर दिल्ली है, जहां अपराध दर 144.4 रहीं. उसके बाद हरियाणा (118.7), तेलंगाना (117), राजस्थान (115.1), ओडिशा (103), आंध्र प्रदेश (96.2), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (93.7), केरल (82), असम (81) मध्य प्रदेश (78.8), उत्तराखंड (77), महाराष्ट्र (75.1), पश्चिम बंगाल (71.8), उत्तर प्रदेश (58.6) रहे. मध्य प्रदेश इस मामले पर 10वें स्थान पर रहा.

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हत्या के मामले में MP चौथे स्थान पर

एनसीआरबी की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में हत्या के मामलों में मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर रहा. प्रदेश में इस दौरान हत्या के 1978 मामले दर्ज किए गए. जबकि सबसे टॉप पर उत्तर प्रदेश (3491), इसके बाद बिहार (2,930), महाराष्ट्र (2,295), मध्य प्रदेश (1,978) और राजस्थान (1,834) हैं. देशभर में हत्या के कुल मामलों में से इन टॉप पांच राज्यों में 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए. वहीं सबसे कम हत्या के मामले सिक्किम (9), नागालैंड (21), मिजोरम (31), गोवा (44), और मणिपुर (47) में दर्ज किए गए.

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वहीं देश में 2022 के दौरान हत्या के मामलों की कुल 28,522 प्राथमिकी दर्ज की गईं, यानी रोजाना 78 मामले या प्रति घंटे तीन से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि 2021 में 29,272 और 2020 में 29,193 मामले दर्ज किए गए थे. आंकड़ों के अनुसार, 2022 में हत्या का सबसे बड़ा कारण विवाद रहा. देश में 9,962 मामलों में हत्या का कारण विवाद, 3,761 मामलों में निजी प्रतिशोध या दुश्मनी और 1,884 मामलों में लाभ के लिए हत्या की गई.

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