UPSC Civil Services Exam Result 2023: संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की सिविल सर्विस परीक्षा (UPSC Civil Services Exam Result 2023) में सिलेक्ट हुए उम्मीदवार के अनूठे स्वागत का वीडियो खूब देखा जा रहा है. ये स्वागत ग्वालियर के एक पुलिस अफसर (Police Officer) ने किया है. ग्वालियर में पदस्थ सीएसपी को जब उन्हें पता चला कि दिल्ली से बस एक सफल उम्मीदवार छतरपुर अपने गांव लौट रहा है तो उन्होंने बसों की चेकिंग शुरू कर दी. जैसे ही एक बस में सफल हुए कुलदीप पटेल मिले तो इस पुलिस अफसर ने माला पहनाई, मिठाई खिलाई और साथियों के साथ जोरदार स्वागत किया और ग्वालियर से उन्हें अपने साथ गांव छोड़ने भी गए.
पहले देखिए स्वागत का वीडियो
केन नदी के आसपास कुर्मी समाज के बुजुर्ग बेटों को हल व बेटियों को बेलन पकड़वाते थे शादी के समय यही गुण पूँछे जाते थे। समय बदला मास्टर पटवारी व सिपाही बनने के सपने लिए जाने लगे लेकिन किसी ने आईएएस की नहीं सोची थी।युवाओं के लिए नया अरमान व ऐहसास दिखाने के लिए बधाई आईएएस कुलदीप पटेल pic.twitter.com/J5VtRsRbLG
— Santosh Patel DSP (@Santoshpateldsp) April 18, 2024
CSP संतोष पटेल ने बधाई देते हुए लिखा है कि केन नदी के आसपास कुर्मी समाज के बुजुर्ग बेटों को हल व बेटियों को बेलन पकड़वाते थे शादी के समय यही गुण पूंछे जाते थे. समय बदला मास्टर पटवारी व सिपाही बनने के सपने लिए जाने लगे लेकिन किसी ने आईएएस की नहीं सोची थी।युवाओं के लिए नया अरमान व ऐहसास दिखाने के लिए बधाई आईएएस (IAS) कुलदीप पटेल.
कुलदीप ने हासिल की 181 वीं रेंक
छतरपुर जिले में केन नदी के किनारे बसे राजौरा गांव के कुर्मी जाति के कुलदीप पटेल हाल ही यूपीएससी द्वारा घोषित रिजल्ट में 181वीं रैंक (UPSC CSE 2023 AIR 181) हासिल की है. ग्वालियर में पदस्थ सीएसपी संतोष पटेल छतरपुर जिले के ही हैं और कुर्मी जाति के भी हैं. उन्हें पता चला कि उनके यहां का कोई लड़का सिलेक्ट हुआ, तो उन्होंने वहां से पता करवाया तो नाम, गांव आदि के साथ जानकारी मिली. यह भी पता लगा कि वह दिल्ली से ग्वालियर बस द्वारा छतरपुर आ रहा है.
खपरैल से बने घर में रहता है कुलदीप का परिवार
सीएसपी संतोष पटेल ने बताया कि कुलदीप कुर्मी समाज के जिले के पहले युवा है जिन्होंने यूपीएससी क्रैक किया है. वे केन नदी के किनारे अत्यंत दूरस्थ चंदला के पास रजौरा ग्राम के निवासी हैं और उनके माता-पिता और पूरा परिवार एक झोंपड़ी नुमा खपरैल से बने घर मे रहते हैं. गांव और परिवार के लोग खुश हैं कि कुलदीप की सरकारी नौकरी लग गई, लेकिन उन्हें यह अहसास नहीं है कि उनके बेटे ने कितनी बड़ी सफलता हासिल की है.
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