Ujjain Fraud News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन जिले में बीमा के नाम पर एक महीने पहले हुई लाखों रुपए की धोखाधड़ी का रविवार को पुलिस ने खुलासा किया. पूरे मामले में पुलिस (Ujjain Police) ने एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. दरअसल, एक युवक की मौत होने पर उसके भाई ने शातिर बदमाशों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से बीमा (Insurance) करवाया था, लेकिन क्लेम वसूली के बाद जब उसे उसका हिस्सा नहीं मिला तो उसने पूरा राज खोल दिया. मामले से संबंधित दो लोगों पर इससे पहले भी धोखाधड़ी (Fraud Case) के कई केस दर्ज हैं.
एक साल पहले हुई थी युवक की मौत
उज्जैन जिला एसपी प्रदीप शर्मा ने रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि शाजापुर के सुनेरा निवासी रोहित उदासी की पिछले साल 20 जून 2023 को मौत हो गई थी. इसके बाद उसके भाई विनोद ने देवास के बारोठ की पूजा चौहान और मक्सी के धर्मेंद्र सांसी की मदद लेकर अपने मृत भाई रोहित का उज्जैन के फ्रीगंज स्थित एचडीएफसी लाइफ में बीमा करवाया. तीनों ने रोहित की पत्नी टीना को नॉमिनी बनाकर देवास की बैंक में खाता भी खुलवा दिया. इसके बाद पूजा ने टीना बनकर फर्जी आधार कार्ड से क्लेम कर 26.64 लाख का चेक ले लिया और धर्मेंद्र की मदद से बैंक से 19.60 लाख रुपए निकाल लिए.
पति को दी थी अपनी किडनी
घटना में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रोहित की एक किडनी खराब हो गई थी. इस पर पत्नी टीना ने उसे अपनी एक किडनी दे दी थी. इसी का फायदा उठाकर देवर विनोद ने धोखे से कुछ दस्तावेज पर साइन कर भाई के मरने के बाद कुछ लोगों के साथ मिलकर उसका बीमा करवा के रुपए कमाने की साजिश रची.
हिस्सा नहीं मिला तो खुद बताई सच्चाई
पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि अन्य दो लोगों ने विनोद को उसका हिस्सा नहीं दिया. इसके बाद उसने भाभी टीना को पूरा मामला बता दिया. जिस पर टीना ने माधव नगर थाने में केस दर्ज करवाया. मामले में सिटी एसपी दीपिका शिंदे और टीआई राकेश भारती ने एक सप्ताह में खोजबीन कर खुलासा कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया. मामले में धर्मेंद्र और टीना से 10.50 लाख रुपए बरामद कर लिए गए, जबकि 6.50 लाख रुपए उनके खाते में जमा होने का पता चला है.
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एक करोड़ पांच बीमे की जांच
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार टीना पर इससे पहले भी केस दर्ज है. पता चला है कि धर्मेंद्र के साथ मिलकर उसने इसी तरह से करीब एक करोड़ रुपए के पांच बीमा और करवाए हैं. इन्होंने कितने सारे बीमा अबतक क्लेम किए हैं इसकी पुलिस जांच कर रही हैं. इस तरह से बीमा करके धोखाधड़ी करने में बीमा कंपनी के कर्मचारी भी शामिल हैं. जांच के बाद आरोपियों की संख्या बढ़ सकती हैं.
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