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बाल विवाह पर कसा शिकंजा, तो परिवार ने कहा- "लड़का-लड़की करते हैं ये काम.... "

MP News Jabalpur : देश भले ही 21वीं सदी में जी रहा हो... लेकिन आज भी कई हिस्सों में समझ और जागरूकता की भारी कमी है. आलम ऐसा है कि लोग कम उम्र में ही नन्ही बच्चियों को शादी के बंधन में बाँधने के लिए आतुर रहते हैं. 

बाल विवाह पर कसा शिकंजा, तो परिवार ने कहा- "लड़का-लड़की करते हैं ये काम.... "
(फाइल फोटो)

Child Marriage in India : देश में बाल विवाह प्रतिबंधित होने के बावजूद भी कुछ लोग इस कानून को धता बताते हुए अपनी बेटियों का बाल विवाह करने से नहीं चूकते. ऐसा ही एक मामला जबलपुर के घमापुर इलाके में सामने आया, जहां एक 15 साल की नाबालिग लड़की का विवाह गुपचुप तरीके से कराया जा रहा था. मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने मौके पर पहुँचकर विवाह को रुकवा दिया. लड़की की मेहंदी लग चुकी थी, मंडप सजाया जा चुका था और रिश्तेदारों ने हलवाई के पकवानों का लुत्फ उठाना शुरू कर दिया था. बारात आने ही वाली थी, जब प्रशासन ने समय रहते दबिश देकर शादी को रोका.

....इसलिए हो रही थी दोनों की शादी 

लड़की के परिवार वालों का कहना था कि लड़की का एक लड़के के साथ प्रेम संबंध था और वे दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते थे. लड़की के भाई उमेश मराठा ने बताया कि परिवार को चिंता थी कि कहीं लड़की घर से भागकर शादी न कर ले, इसलिए उन्होंने सामाजिक स्वीकृति के साथ शादी कराने का फैसला किया.

परिवार वालों को दी गई समझाइश

महिला एवं बाल विकास अधिकारी एम. एल. मेहरा ने परिवार को समझाया कि बाल विवाह करना कानूनन अपराध है और इसमें सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. कानून के डर से लड़की के पिता ने स्वीकार किया कि अब वे दो साल बाद ही विवाह करेंगे, जब लड़की बालिग हो जाएगी.

रिश्तेदारों को नहीं थी उम्र की खबर

मिली जानकारी के मुताबिक, शादी में शामिल होने आए रिश्तेदारों और पंडित को लड़की की उम्र के बारे में जानकारी नहीं थी. रिश्तेदार श्यामलाल मराठा ने बताया कि अगर उन्हें पता होता कि लड़की नाबालिग है, तो वे इस समारोह में शामिल नहीं होते. बाल विवाह में शामिल होने वाले रिश्तेदारों और पंडित के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.

दोनों पक्ष के लोगों को समझाया

महिला बाल विकास अधिकारी ने बताया कि शादी अभी हुई नहीं थी... इसलिए कानूनी तौर पर कोई अपराध नहीं बनता. दोनों परिवारों को समझाइश दी गई है और वे इस बात के लिए तैयार हो गए हैं कि दोनों के बालिग होने के बाद ही शादी कराई जाएगी. इसलिए समझाइश देकर पुलिस और प्रशासन की टीम वापस लौट आई.

जानिए क्या है बाल विवाह कानून ?

भारत सरकार ने बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 को लागू किया है. इसके तहत, यदि 18 साल से ज़्यादा उम्र का व्यक्ति बाल विवाह करता है, तो उसे कठोर कारावास, दो साल की जेल या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

गांव के लोगों को किया जागरूक

जबलपुर में प्रशासन की सतर्कता और पड़ोसियों की सूचना से एक नाबालिग लड़की का बाल विवाह रुकवाया गया. परिवार समेत आस-पास को बाल विवाह के कानूनी परिणामों के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें समझाइश दी गई कि शादी तभी हो जब दोनों पक्ष बालिग हो जाएं.

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