
Sidhi Farmer Protest News: सीधी जिले में ऐरा प्रथा से किसान काफी परेशान हैं. खेतों में बोई फसल खलिहानों तक नहीं पहुंच पा रही है. खून पसीने की कमाई मवेशी नष्ट करते जा रहे हैं. इस समस्या से परेशान होकर मंगलवार को हजारों की संख्या में मवेशियों को लेकर किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे. बाजार में मवेशियों का हुजूम देखकर सभी दंग रह गए.
खाली पड़ीं गौशाला, खेतों में मवेशी
सीधी जिले में प्रशासन ने 15 से अधिक गौशालाओं का निर्माण कराया है. प्रति गौशाला की कीमत 30 से 35 लाख रुपए निर्धारित हुई है लेकिन गौशालाएं खाली पड़ी हुई हैं. उनमें मवेशियों को रखने और चारा भूसा का कोई इंतजाम नहीं है. संबंधित ग्राम पंचायत के माध्यम से स्व सहायता समूहों को गौशाला संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन यह मिशन अभी तक पूरी तरह से असफल रहा है. किसी भी गौशाला में मवेशियों की संख्या ना के बराबर है. ऐसे में ऐरा मवेशी खेतों में पहुंचकर फसलों को नष्ट कर रहे हैं. दिन के समय मवेशी इधर-उधर चले भी जाते हैं लेकिन जैसे ही शाम होती है तो समूह के समूह मवेशी खेतों में पहुंच जाते हैं और किसानों के खून-पसीने की कमाई को चट कर जाते हैं.

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गांवों से मवेशियों को इकट्ठा कर पहुंचे कलेक्ट्रेट
परेशान किसानों ने पहले गांव में मवेशियों को इकट्ठा किया. फिर सभी को समूह में लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे. शिवसेना के बैनर तले हुए इस अनोखे विरोध को लेकर प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी भी दंग रह गए. शहर में अस्पताल चौक से लेकर कलेक्ट्रेट तक सड़क पर मवेशी ही मवेशी नजर आ रहे थे.
विरोध दर्ज कराने पर पुलिस के साथ हुई झड़प
विरोध दर्ज करने पहुंचे किसानों और शिव सैनिकों को पुलिस ने कलेक्ट्रेट के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया. इस पर झड़प भी हुई. कोतवाली पुलिस की ओर से मामला दर्ज करने की धमकी भी दी जाती रही लेकिन क्षेत्र के किसान और शिव सैनिक अपनी बात पर अड़े रहे और विरोध दर्ज कराते रहे. बाद में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद लोग मान गए और मवेशियों को वहीं छोड़कर चले गए. उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि गांव में ऐरा प्रथा पर विराम नहीं लगाया गया और गौशालाओं का सही तरीके से संचालन नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में फिर से मवेशियों को कलेक्ट्रेट के भीतर भरने का कार्य किया जाएगा.
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पुलिस ने कहा- हाथ में ले रहे कानून!
इस संबंध में कोतवाली टीआई अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि विरोध करने का यह कोई तरीका नहीं है. मवेशियों को जिला पंचायत लाने की सूचना दी गई थी और जिला पंचायत ना ले जाकर कलेक्ट्रेट परिसर में भरने की तैयारी की गई थी. पुलिस की ओर से मवेशियों को मुक्त कर दिया गया है. साथ ही शिव सैनिकों और किसानों को बताया गया है कि आगामी समय में यदि इस तरीके का कोई भी कार्य किया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.