
Nagar Parishad Anjad Shanti Vahan: अंजड नगर परिषद (Nagar Parishad Anjad) प्रशासन की लापरवाही के चलते लंबे समय से "स्वर्ग रथ-वाहन" का संचालन नहीं हो पा रहा है. इधर वाहन शाखा प्रभारी का कहना है कि स्वर्ग वाहन खराब है. अगर यह दुरुस्त होगा तभी इसका संचालन करना संभव है. आपको बता दें कि करीब नौ साल पहले 2014 में तात्कालिक अध्यक्ष राजा चौहान के कार्यकाल में पुराने फायर ब्रिगेड वाहन को असेंम्बल करके "स्वर्ग रथ" वाहन बना कर तैयार करवाया गया था. जो कि लगभग 4 सालों से नगर परिषद प्रांगण में ही खराब पड़ा हुआ है. शुरुआत में सब कुछ ठीक रहा. बाद में आए दिन इस वाहन का सामान व टायर नहीं होने से संचालन बंद रहने लगा. वर्तमान में स्वर्ग रथ खराब पड़ा है. वाहन शाखा के प्रभारी ने वाहन की मरम्मत के लिए फाइल चलाई, लेकिन कथित रूप से वाहन का माॅडल पुराना होने से फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. ऐसे में जनता को मिलने वाली महत्वपूर्ण सुविधा बंद हो गई है.
2023 में नए वाहन की घोषणा हुई
22 अप्रैल 2023 को राज्यसभा सांसद ने अपनी निधि से वाहन के लिए 15 लाख रुपए की घोषणा की थी. राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के द्वारा अंजड नगर परिषद में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी सांसद निधि से 15 लाख रुपए की राशि शव वाहन के लिए देने की घोषणा की गई थी, लेकिन लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस ओर कोई भी कवायद शुरू नहीं हो पाई है. स्थित जस की तस बनी हुई है. नगर में मुक्तिधाम तक शव पहुंचाने का पर्याप्त संसाधन नहीं होने से पैदल ही पहुंचना पड़ रहा है. वहीं देखने में आया है कि अनेकों विशेष अवसरों पर बड़वानी नगर पालिका के मुक्ति रथ को भी बुलवाया गया है.
जिम्मेदारों ने क्या कहा?
नपा उपाध्यक्ष प्रतिनिधि सूरज पिपलिया से NDTV की टीम ने फोन पर बात की तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह मेरी जानकारी में है. शव को मुक्ति धाम तक ले जाने के लिए सुविधा आमजनों को नहीं मिल रही है. शव वाहन को लेकर मेरे द्वारा सबसे पहले बात उठाई गई. लेकिन वर्तमान की स्थिति ये है कि सीएमओ व अध्यक्ष की उदासीनता के कारण आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं इस मामले में जब नगर पालिका परिषद सीएमओ मायाराम सोलंकी से बात की तो बताया कि कई वर्षों से वहां नहीं है मैंने पार्षदों और अध्यक्ष से बात की है जल्द से जल्द व्यवस्था कराई जाएगी.
वहीं नगर परिषद राजपुर का भी हाल यही है कई वर्षों से शव वाहन नहीं होने के चलते शहर के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. राजपुर के समाजसेवी का कहना है कि राजपुर लगभग 4 किलोमीटर में बसा हुआ है और ऐसे में किसी की आकस्मिक निधन होता है तो अर्थी लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
यह भी पढ़ें : MP Gehu Kharidi 2025: किसान भाईयों! 18-19 अप्रैल को छुट्टी के दिन भी होगी गेहूं खरीदी