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This Article is From Jan 08, 2024

नगर पालिका शिवपुरी का हाल बदहाल! जर्जर इमारत में दांव पर कर्मचारियों की जान

नगर पालिका शिवपुरी की इमारत तकरीबन डेढ़ सौ साल पुरानी है. यह दफ्तर इतना खतरनाक और जर्जर है कि यहां पर किसी भी समय कोई भी दुर्घटना हो सकती है. इमारत में रखा हुआ रिकॉर्ड धीरे-धीरे खराब हो रहा है जो अपने आप में चिंता का सबब है.

नगर पालिका शिवपुरी का हाल बदहाल! जर्जर इमारत में दांव पर कर्मचारियों की जान
नगर पालिका शिवपुरी का हाल बदहाल

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नगर पालिका शिवपुरी (Municipality Shivpuri) की जर्जर इमारत को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं. ये इमारत इस कदर जर्जर है कि यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. वहीं, काम के सिलसिले में आने वाले लोगों की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में हैं. इमारत में रखा हुआ रिकॉर्ड धीरे-धीरे खराब हो रहा है जो अपने आप में चिंता का सबब है. कर्मचारी कहते हैं कि यहां काम करना जोखिम से भरा हुआ होने के साथ-साथ दूभर भी हो चुका है. बारिश के दिनों में यहां बैठना मुश्किल हो जाता है. 

तकरीबन 150 साल पुरानी है इमारत

यह इमारत तकरीबन डेढ़ सौ साल पुरानी है. बताया जाता है कि इस इमारत को सन् 1900 के आसपास सिंधिया राजवंश के तात्कालिक शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने बनवाया था जो टाउन हॉल का एक हिस्सा थी. बाद में यह इमारत नगरपालिका को दे दी गई और पिछले लंबे समय से यहां नगर पालिका का दफ्तर चलता आ रहा है... लेकिन यह दफ्तर इतना खतरनाक और जर्जर है कि यहां पर किसी भी समय कोई भी दुर्घटना हो सकती है. 

जर्जर ईमारत की हकीकत बयां करती तस्वीरें

जर्जर ईमारत की हकीकत बयां करती तस्वीरें

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नगर पालिका की इमारत में रखे हुए शासन के महत्वपूर्ण दस्तावेज रिकॉर्ड बारिश और कबूतरों की गंदगी की वजह से दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. इन कागज़ों को रखने तक की जगह नहीं है. इसको लेकर कर्मचारी लगातार शिकायत करते हैं लेकिन कहीं पर भी सुनवाई नहीं हो रही है. नगर पालिका शिवपुरी के CMO एसके सगर का कहना है कि लंबे समय से जमीन की तलाश कर रहे हैं लेकिन हमें जमीन नहीं मिल पा रही है. यही वजह है कि इस इमारत से नई इमारत में शिफ्ट करने की हमारी हसरत बरकरार है. 

5 अक्टूबर को

 इमारत में रिकॉर्ड रखने की नहीं हैं कोई व्यवस्था 

कई बार इमारत की हो चुकी है मरम्मत

इस 150 साल पुरानी इमारत की कई बार मरम्मत की जा चुकी है. इसमें से कुछ बड़े हिस्से टूट कर नीचे भी गिर चुके हैं जिससे कई बार गंभीर हादसा होते-होते बचा है. आमतौर पर यहां 150 से ज्यादा कर्मचारी पार्षद अध्यक्ष काम करते हैं. वहीं, काम के सिलसिले में रोजाना 1000 से 5000 लोग आते हैं. इमारत की बदहाल हालत के चलते इन लोगों के साथ कोई भी हादसा हो सकता है और लोगों की जान पर बन सकती है. 

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