रीवा जिले में समय-सीमा के भीतर काम खत्म नहीं करने पर रीवा कलेक्टर ने तहसीलदार और नायब तहसीलदार समेत कुल 11 अधिकारियों पर जुर्माना ठोंका है. रीवा कलेक्टर ने अधिकारियों को मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 में शामिल सेवाओं में आवेदक द्वारा चाही गई वांछित सेवा समय-सीमा में नहीं उपलब्ध कराने पर यह सजा सुनाई है.
कैबिनेट मंत्री ने ऐसा क्या कहा कि भड़क गईं महिलाएं, जमकर हुई नोंक-झोंक, VIRAL हो रहा वीडियो!
11 राजस्व अधिकारियों को सुनाई 1000 रुपए जुर्माने की सजा
रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए 11 राजस्व अधिकारियों को 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. जिले के 11 राजस्व अधिकारियों ने अविवादित नामांतरण, सीमांकन व अन्य राजस्व प्रकरण तय समय सीमा में निराकृत नहीं करने का आरोप है. कलेक्टर ने समीक्षा बैठक के दौरान यह कड़ा फैसला लिया.
मध्य प्रदेश लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 के तहत सुनाई सजा
मध्य प्रदेश लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 में शामिल सेवाओं को समय-सीमा पर नहीं उपलब्ध कराने के लिए लपेटे में आए अधिकारियों में तहसीलदार अतरैला राजेन्द्र शुक्ला, नायब तहसीलदार मनिकवार शारदा प्रसाद प्रजापति, नायब तहसीलदार गढ़, मनोज सिंह, तहसीलदार रायपुर कर्चुलियान विनयमूर्ति शर्मा शामिल है, जिन पर जुर्माना लगाया गया है.
'डिजिटल अरेस्ट' का मास्टरमाइंड चिराग कपूर गिरफ्तार, डिजिटल धोखाधड़ी के जरिए 930 लोगों का किया शिकार
सभी 11 राजस्व अधिकारियों को तीन दिन में जमा करना है पैसा
नायब तहसीलदार बैकुंठपुर, मनोज शुक्ला, नायब तहसीलदार बनकुइयां, विन्ध्या मिश्रा, नायब तहसीलदार दुआरी, तेजपति सिंह, नायब तहसीलदार गोविंदगढ़, वेदवती सिंह, तहसीलदार सिरमौर जितेन्द्र तिवारी तथा प्रभारी तहसीलदार गुढ़ अरूण यादव पर जुर्माना लगाया गया है.
मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 में शामिल हैं ये सेवाएं
गौरतलब है मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 में शामिल सेवाओं में कोई भी विवादित जानकारी नहीं दी जाती है. आमतौर पर इसमें आम आदमी की जरूरत के कागजात ही मांगे जाते हैं, लेकिन इन अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया. जिसकी वजह से इनको इतनी बड़ी सजा मिली है.
ये भी पढ़ें-पड़ोसन से थी खुन्नस, मरोड़ दी 28 कबूतरों की गर्दन, तड़प-तड़प कर बेजुबानों ने दी जान!