Madhya Pradesh High Court Jabalpur News: उच्च न्यायालय जबलपुर (Jabalpur High Court) के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग (Education Department) व जनजतीय कार्य विभाग (Tribal Affairs Department) को उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती (Higher Secondary Teacher Recruitment 2018) 2018 के रिक्त पदों की जानकारी के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया है. याचिकर्ता निर्मल टिलया जिला छतरपुर व राजकुमार अहिरवार जिला अशोक नगर का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता धीरज तिवारी के ने बताया कि याचिकर्ता के दस्तावेज सत्यापन कराये जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी गई.
चार साल है नियुक्ति का इंतजार
याचिकर्ता चार वर्षों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं उम्र सीमा को पार कर रहे हैं. विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया अधूरी छोड़ दी गई है. वकील द्वारा बताया गया कि स्कूल शिक्षा विभाग में कुल 5935 पद व जनजतीय कार्य विभाग में 77 पद रिक्त हैं, जिन्हें संयुक्त कॉउंसलिंग के बाद माॅपअप राउंड में भरा जाना था, लेकिन नहीं भरा गया.
क्या है मामला?
शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test) वर्ष 2018 के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग 17000 में से 15000 पदों पर भर्ती निकली शेष द्वितीय चरण में की जानी थी, प्रथम चरण में के बाद 5936+2000 क़ूल 7935 पद रिक्त हैं, जिन्हें नियमानुसार सेकंड काउंसलिंग में भरा जाना था. वहीं जनजतीय कार्य विभाग 2000 पदों में से प्रथम चरण में 880 भर्ती कराई गई. बाद में जनजतीय कार्य विभाग ने 2000 में से बचे हुए 1320 पदों को संयुक्त काउंसलिंग में भरा और उसके बाद 77 पद बचे थे, जिन्हें मापअप राउंड में भरा जाना था. वहीं स्कूल शिक्षा विभाग ने संयुक्त काउंसलिंग में केवल 2750 पदों पर भर्ती निकाली, जिसके कारण सभी वर्गों में 5935 पद रिक्त हैं.
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जबलपुर हाईकोर्ट ने समय सयम पर शिक्षक भर्ती 2018 पर तल्ख टिप्पणी की है. इसके पहले भी EWS भर्ती मामले में कोर्ट ने DPI कमिश्नर को अंग्रजी सीखने की नसीहत दी है और 45 दिनों में बचे पदों पर भर्ती पूरी करने का आदेश दिया. शिक्षक भर्ती 2018 पर बहुत सी याचिकाएं लगी हैं, इस मामले में भी कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर रिक्त पदों का विवरण हलफनामे के साथ प्रस्तुत करने का आदेश दिया हैं.
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