मध्य प्रदेश के देवास जिले के सतवास के श्री दादाजी महाविद्यालय में तहसीलदार अरविंद दिवाकर, एसडीएम कन्हैयालाल तिलवारी और राजस्व विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण किया. इस दौरान जांच में कॉलेज में भारी अनियमितताएं सामने आईं, जिन्होंने पूरे क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. कॉलेज के दस्तावेजों में दर्ज है कि यहां 407 छात्र अध्ययनरत हैं. लेकिन जब प्रशासनिक टीम परिसर में पहुंची तो उन्हें केवल 3 से 4 विद्यार्थी ही दिखाई दिए. इतनी बड़ी संख्या के अंतर ने छात्रवृत्ति, उपस्थिति और फर्जी दाखिलों पर बड़ा संदेह पैदा कर दिया है.
एक ही बिल्डिंग में स्कूल और कॉलेज
जांच के दौरान टीम को पता चला कि संस्था एक ही बिल्डिंग में स्कूल और कॉलेज दोनों चला रही है. यह सीधे नियमों का उल्लंघन है. परिसर में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थी. लैब खाली पाई गई, वहां कोई भी उपकरण नहीं थे.
सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं
कॉलेज के अंदर एक खुला कुआं मिला, जिसे कवर नहीं किया गया था. छत पर खुले सरिए थे, सीढ़ियों पर रैलिंग नहीं लगी थी और पूरे कॉलेज में अग्निशमन यंत्र तक मौजूद नहीं थे. इतना ही नहीं, कॉलेज की बसों में फिटनेस सर्टिफिकेट और फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं मिले.
जांच रिपोर्ट तैयार
तहसीलदार अरविंद दिवाकर ने बताया कि निरीक्षण में छात्रवृत्ति, उपस्थिति और लैब उपकरणों को लेकर गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं. सुरक्षा मानकों का पालन भी नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है. बताया जा रहा है कि अब इस पर देवास कलेक्टर फैसला लेंगे.