
आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ने अब फुल स्पीड में जुट गई है. पार्टी ने अपनी परंपरा तोड़ते हुए गुरुवार को 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. इनमें से ज्यादातर वे सीटें हैं जहां वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं. अहम ये भी है कि इस सूची से सिंधिया समर्थकों की नींद उड़ी हुई है. इसकी वजह से कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक का पत्ता साफ होना. गोहद सीट पर बीजेपी ने अपने अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य नाम घोषित कर सिंधिया समर्थकों की नींद उड़ा दी है.
ग्वालियर - चम्बल से ये हैं मैदान में
बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की जो पहली सूची जारी की है उसमें अभी सिर्फ 39 नाम है. यह सभी वे सीटें हैं जिन पर अभी कांग्रेस का कब्जा है. इनमे ग्वालियर चम्बल अंचल की 34 में से छह सीटें शामिल है और अधिकांश पर पहले चुनाव हार चुके उम्मीदवारों पर ही पार्टी ने दांव लगाया है. जिनके नाम घोषित किए गए हैं वे सभी 2018 में चुनाव हार गए थे.

पहले सिंधिया समर्थक का टिकट कटा
पहली सूची में पहला झटका कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी की ताजपोशी कराने वाले सिंधिया समर्थकों को लगना शुरू हुआ. गोहद सुरक्षित सीट से रणवीर जाटव का टिकट काटकर बीजेपी ने अपने नेता लाल सिंह आर्य को ही मैदान में उतारने का ऐलान किया. 2018 में यहां से आर्य को ही हराकर कांग्रेस के रणवीर जाटव जीते थे लेकिन जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विद्रोह हुआ तो विधायक पद से इस्तीफा देने वालों में रणवीर जाटव भी शामिल थे. उप चुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर लड़े लेकिन हार गए. इसके बावजूद सरकार ने उन्हें हस्त शिल्प विकास निगम का चेयरमैन बनाकर केबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया लेकिन अब उनका टिकट काट दिया.
सिंधिया समर्थकों में मची बेचैनी
रणवीर जाटव का टिकट कटते ही सिंधिया समर्थक नेताओं में हड़कंप मच गया है. इसकी वजह सिर्फ रणवीर का टिकट काटना ही नही है बल्कि बाकी लोगों के नाम घोषित होना भी है। पार्टी ने उप चुनाव हार चुके एदल सिंह का नाम तो घोषित कर दिया लेकिन उनके साथ ही उप चुनाव हार चुके ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल, डबरा से पूर्व मंत्री इमरती देवी ,मुरेना से रघुराज कंसाना, दिमनी से गिर्राज दंडोतिया और करेरा से जसवंत जाटव के नाम घोषित न कर होल्ड कर दिए। ये सब विधायक पद छोड़कर सिन्धिया के साथ बीजेपी में आये लेकिन उप चुनाव हार गए। अब ईँ सबको भी रणवीर की तरह अपना टिकट कटने की तलवार लटकते दिख रही है.