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57 शासकीय प्राइमरी स्कूलों में 80 बच्चों को पढ़ा रहे 90 मास्टर, इन स्कूलों को नजदीक शालाओं में मर्ज करने के आदेश

Satna Gov Schools: 57 प्राथमिक पाठशालाओं में सबसे ज्यादा लापरवाही नागौद विकासखंड में मिली है. यहां 24 स्कूलों के बीच 34 बच्चे व 38 टीचर है. 

57 शासकीय प्राइमरी स्कूलों में 80 बच्चों को पढ़ा रहे 90 मास्टर, इन स्कूलों को नजदीक शालाओं में मर्ज करने के आदेश

Madhya Pradesh Government Schools: सतना जिले के पांच विकासखंडों की 57 शासकीय प्राथमिक पाठशालाओं में 80 बच्चों को 90 अध्यापक पढ़ा रहे. यहां स्कूल शिक्षा विभाग में अंधेरगर्दी चल रही है. आराेप है कि जहां बच्चे है, वहां शिक्षक नहीं दिए जाते, जबकि जिन पाठशालाओं में शून्य व 1 से 2 बच्चों का नामांकन है. उन स्कूलों में एक से दो टीचर पदस्थ किए गए है. हालांकि शासन स्तर से 10 से कम नामांकन वाले स्कूलों को नजदीक शालाओं में मर्ज करने के आदेश है. पर सतना जिले में नियम का पालन नहीं किया जा रहा है. इसलिए शिक्षकों की मौज चल रही है.

5 वर्षों से स्थिति जस की तस

पोर्टल के मुताबिक बीते 5 वर्षों से संबंधित विद्यालयों में छात्रों की संख्या जस की तस बनी हुई है. कई स्कूलों में होशियार किस्म के शिक्षक अपनी स्कूल में छात्रों की संख्या शून्य नहीं होने देते है. इन्हें यदि उस ग्राम के बच्चे नहीं मिलते हैं. तब वह पड़ोसी गांव व दूर-दराज रिश्तेदार के ग्राम से फर्जी नाम लिख लेते हैं. जिससे नौकरी में आंच न आए, जबकि जिले में 30 से अधिक शालाएं शिक्षक विहीन है. वहीं 300 से अधिक शालाओं में सिंगल टीचर की पदस्थापना है.

सबसे ज्यादा नागौद विकासखंड में लापरवाह

बता दें कि 57 प्राथमिक पाठशालाओं में सबसे ज्यादा लापरवाही नागौद विकासखंड में मिली है. यहां 24 स्कूलों के बीच 34 बच्चे व 38 टीचर है.  इसी तरह मझगवां में 6 स्कूल 7 बच्चे 6 टीचर, रामपुर बाघेलान में 13 स्कूल 21 बच्चे 22 टीचर, सोहावल में 12 स्कूल 17 बच्चे 22 टीचर और उचेहरा विकासखंड में 2 स्कूल 1 छात्र व 2 टीचर पदस्थ किए गए है.

हनुमान सागर फर्जी बच्चे दर्ज

मिली जानकारी के मुताबिक नागौद विकासखंड के रहिकवारा संकुल अंतर्गत हनुमान सागर प्राथमिक पाठशाला में कोई विद्यार्थी नहीं है. फिर भी दो टीचर पदस्थ है. वह विद्यालय भी नहीं आते है. फर्जी विद्यार्थी रजिस्टर में दर्ज किए है. वह बच्चे उस गांव के रहने वाले भी नहीं है. पूर्व के वर्षों में भी कोई बच्चा स्कूल में रजिस्टर में दर्ज नहीं था. आरोप है कि नागौद विकासखंड शिक्षा अधिकारी रहिकवारा के संकुल प्राचार्य हैं. इसलिए जिम्मेदारों का ध्यान नहीं जाता है.

क्या बोलीं डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती कंचन श्रीवास्तव ने कहा कि जहां नामांकन कम है. उन जगह के टीचरों को संकुल स्तर पर दूसरे जगह भेज कर पठन पाठन कराया जा रहा है. मैं एक बार संबंधित संकुल प्राचार्यों से कम नामांकन वाली स्कूलों की स्थिति की जानकारी लूंगी.

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