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हौसलों की उड़ान! व्हीलचेयर-एम्बुलेंस से डिप्टी कलेक्टर की कुर्सी तक... कैसे हिमांशु सोनी ने खुद लिखी सफलता की इबारत?

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'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत'. यह कहावत आपने किसी से सुना होगा, लेकिन इसके जीते जागते मिसाल बन चुके हैं जबलपुर के हिमांशु सोनी.


जबलपुर के हिमांशु सोनी बचपन से ही दिव्यांग हैं, लेकिन उनका संघर्ष अद्भुत है.

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रोजमर्रा के काम के लिए भी हिमांशु को व्हील चेयर और घर वालों का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन उनकी दिव्यांगता ने उन्हें कभी रोका नहीं. 

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हिमाशु का चयन मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग 2024 की परीक्षा में डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है.

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बता दें कि हिमांशु ने दिव्यांग होने के बावजूद अपनी सफलता की इबारत खुद लिखीं.

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इतना ही नहीं साक्षात्कार के कुछ दिन पहले हिमांशु  के साथ एक दुर्घटना भी हुई, जिसमें उनका हाथ बुरी तरह फ्रैक्चर हो गया.

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जिसके बाद एक जटिल सर्जरी भी हुई. हालत ये थी कि वो साक्षात्कार देने लायक भी नहीं थे.

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वहीं साक्षात्कार में जाने को लेकर भी उनके मन में संशय था कि सब कैसे होगा?

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 लेकिन कहते हैं ना 'मन के हारे हार है मन के जीते जीत'. ये लाइन हिमांशु सोनी पर सटीक बैठती है. 

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दरअसल, MPPSC 2024 के इंटरव्यू से ठीक नौ दिन पहले 19 अगस्त 2025 को हिमांशु बाथरूम में फिसल गए और उनका हाथ बुरी तरह फ्रैक्चर हो गया. 

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डॉक्टर की सलाह पर 23 अगस्त 2025 को उनका ऑपरेशन हुआ.

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हालांकि 28 अगस्त 2025 को उनका इंटरव्यू था. 

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हिमांशु की हालत इतनी खराब थी कि चलना-फिरना तक मुश्किल था. हिमांशु ने इंटरव्यू छोड़ने का मन भी बना लिया.

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लेकिन पिता ने हौसला बढ़ाया और कहा, 'मौका हाथ से मत जाने देना, दर्द से बड़ी मंज़िल होती है.'

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यही प्रेरणा हिमांशु की ताकत बनी. वो ट्रेन से इंदौर पहुंचे और वहां से एम्बुलेंस से इंटरव्यू स्थल तक गए. हालांकि हालत खराब होने के बाद उन्होंने आयोग के अधिकारियों से निवेदन किया.

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जिसके बाद अधिकारियों ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए एम्बुलेंस में ही उनका इंटरव्यू लिया. हिमांशु ने हिम्मत नहीं हारी और अपने आत्मविश्वास से हर सवाल का जवाब दिया. 

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जब एमपीपीएससी 2024 का नतीजा आया तो वो केवल सफल नहीं हुए, बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल बन गए. कहते हैं- 'जीतते वो है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है!' 

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हिमांशु मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा में दिव्यांग वर्ग में प्रथम स्थान और ओवरऑल 13वीं रैंक हासिल की है. 

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