MP News: मध्य प्रदेश के दमोह जिला न्यायालय में उस वक्त भावुक और अविस्मरणीय दृश्य देखने को मिला, जब अपने पति से मिलने पहुंची एक गर्भवती महिला ने न्यायालय परिसर में ही शिशु को जन्म दे दिया. अचानक गूंजी नवजात की किलकारी ने पूरे कोर्ट परिसर को स्तब्ध कर दिया.
जैसे ही प्रसव पीड़ा बढ़ी और बच्चे के रोने की आवाज आई, वहां मौजूद महिला अधिवक्ताएं तुरंत मदद के लिए आगे आईं. उन्होंने महिला के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाया और बिना देर किए एंबुलेंस के माध्यम से जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल भिजवाया. डॉक्टरों के अनुसार, मां और नवजात दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं.
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पति से मिलने पहुंची थीं सपना
जानकारी के अनुसार, दमोह शहर के सिविल वार्ड क्रमांक तीन निवासी 30 वर्षीय सपना वंशकार अपने पति कैलाश वंशकार से मिलने अदालत पहुंची थीं. कैलाश वंशकार पिछले तीन महीने से चोरी के एक मामले में जेल में बंद हैं और उसी प्रकरण में उनकी पेशी थी. गर्भावस्था की स्थिति में ही सपना पति से मिलने कोर्ट पहुंची थीं, लेकिन इंतजार के दौरान अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और उन्होंने न्यायालय परिसर में ही शिशु को जन्म दे दिया.

सपना का यह चौथा बच्चा
महिला की जेठानी रजनी वंशकार ने बताया कि सपना का यह चौथा बच्चा है. उनके परिवार में अब दो बेटे और दो बेटियां हैं. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि नवजात को वे आगे चलकर वकील बनाएंगे. फिलहाल महिला और शिशु दोनों का इलाज डॉक्टरों की निगरानी में जारी है.
इस पूरे घटनाक्रम पर अधिवक्ता आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि दमोह जिला न्यायालय के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब किसी महिला ने कोर्ट परिसर में शिशु को जन्म दिया हो. उन्होंने कहा, “यह न्याय का मंदिर है और आज यहां पहली बार किसी बच्चे की किलकारी गूंजी है. यह पल हम सभी के लिए बेहद भावुक और यादगार है.”
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