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पीथमपुर की सागर श्री लुब्रिकेंट कंपनी सील, मजदूरों की मौत के बाद हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग की बड़ी कार्रवाई

Sagar Shree Lubricant Company sealed: हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग ने साफ किया है कि जब तक कंपनी प्रबंधन सभी सुरक्षा खामियों को दूर नहीं करता, तब तक कंपनी में उत्पादन पूरी तरह बंद रहेगा. साथ ही कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

पीथमपुर की सागर श्री लुब्रिकेंट कंपनी सील, मजदूरों की मौत के बाद हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग की बड़ी कार्रवाई

Pithampur Sagar Shree Lubricant Company sealed: धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आई है. सेक्टर-3 में स्थित सागर श्री लुब्रिकेंट कंपनी को हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग ने सील कर दिया है. यह कार्रवाई 7 सितंबर को टैंक की सफाई के दौरान हुए भीषण हादसे के बाद की गई, जिसमें तीन मजदूरों की मौत हो गई थी.

सागर श्री लुब्रिकेंट कंपनी में पाई गई कई गंभीर खामियां

हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेश यादव ने बताया कि जांच के दौरान कई गंभीर खामियां पाई. रिपोर्ट में सामने आया कि कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए थे और औद्योगिक सुरक्षा नियमों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही थी.

मजदूरों की मौत के बाद हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग की बड़ी कार्रवाई

विशेषज्ञों के मुताबिक, मजदूरों की सुरक्षा के लिए हार्ड हैट, सेफ्टी गॉगल्स, फेस शील्ड, इयरप्लग, मास्क, रेस्पिरेटर, सुरक्षा दस्ताने, सेफ्टी शूज और अग्निरोधी कपड़े जैसी सामग्री अनिवार्य है. इन उपकरणों का उद्देश्य सिर, आंख, कान और श्वसन प्रणाली को संभावित खतरों से बचाना होता है, लेकिन कंपनी की लापरवाही के कारण यह दुखद हादसा हुआ.

सागर श्री लुब्रिकेंट कंपनी सील

हादसे के बाद मृत मजदूरों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया इंदौर के एमवाय अस्पताल में की गई. वहीं मजदूर दूर संगठन, जयस, भीम आर्मी और पीथमपुर बचाओ समिति के कार्यकर्ताओं ने मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजे की मांग को लेकर फैक्ट्री परिसर के बाहर धरना दिया. करीब आधी रात को जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद समझौता हुआ.

विभाग ने साफ किया है कि जब तक कंपनी प्रबंधन सभी सुरक्षा खामियों को दूर नहीं करता, तब तक कंपनी में उत्पादन पूरी तरह बंद रहेगा. साथ ही कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि औद्योगिक क्षेत्रों में मजदूरों की सुरक्षा को लेकर नियम तो बनाए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनका पालन क्यों नहीं किया जाता? मजदूर संगठन लगातार मांग कर रहे हैं कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

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