सागर के दक्षिण वन मंडल की टीम ने नाग पंचमी के दिन पिटारों में नाग-नागिन को लेकर घूम रहे 27 सपेरों को पकड़ा है. नाग पंचमी से पहले आसपास के गांव के जंगलों से सांपों को पड़कर सपेरे शहर की ओर आ जाते हैं और नाग पंचमी के दिन घूमाते हैं. दरअसल, नाग पंचमी के दिन सपेरे घर-घर जाते हैं और नाग-नागिन का नाच कराने के बाद लोगों से पैसे लेते हैं. साथ ही लोगों के गले में सांप को डालकर तमाशा दिखाकर अच्छी खासे रुपए भी कमाते हैं.
वहीं दक्षिण वन मंडल की टीम ने सूचना मिलने के बाद 27 सपेरों को पकड़ा जो शहर में सांप लेकर घूम रहे थे. हालांकि टीम ने सपेरों को समझाइश देकर छोड़ दिया. वहीं सांपों को जप्त कर वन विभाग की टीम ने जंगल में छोड़ दिया.
अलग अलग इलाकों से पकड़े गए 27 सपेरे
दक्षिण वन मंडल की टीम को सूचना मिली थी कि सागर शहर के अलग-अलग इलाके से गोपालगंज, तहसील श्रीराम नगर,
मोती नगर के आसपास सपेरे अपने पिटारों में सांप लेकर घूम रहे हैं और आस्था के नाम पर कमाई कर रहे हैं. सूचना के बाद वन विभाग की टीम अलग-अलग जगहों पर पहुंची और दबिश थी. इस दौरान सपेरों के पास से 27 सांप पकड़े गए. हालांकि इन सांपों को बाद में जंगल में छोड़ दिया गया है. वहीं सपेरों को भी समझाइश देकर वन विभाग की टीम ने छोड़ दिया है.
नाग पंचमी के बाद सांप को जंगल में छोड़ देते हैं सपेरे
पकड़े गए सपेरों ने वन विभाग की टीम को पूछताछ में बताया कि नाग पंचमी के कुछ दिन पहले जंगल से सांपों को पकड़ते हैं और फिर उन्हें पिटारे में भरकर शहर की तरफ आ जाते हैं, जहां कॉलोनी में लोगों के यहां नाग पंचमी के दिन से लेकर कुछ दिन तक जाते हैं. फिर बाद में उन्हें फिर से जंगल में ही छोड़ देते हैं.
वनकर्मी राजू यादव ने बताया वनमंडल अधिकारी के निर्देशन पर शहर में सांप लेकर घूम रहे सपेरों पर कार्रवाई की गई है. फिलहाल सपेरों को समझाइश देकर छोड़ दिया गया है. वहीं सांपों को अमेठ के जंगल में छोड़ा गया है.
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