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रानी दुर्गावती स्मारक निर्माण पर क्यों लगा प्रश्नचिन्ह? कलेक्टर को लिखा गया आपत्ति पत्र, 100 करोड़ की लागत से बननी है मूर्ति

Rani Durgavati Memorial: शौर्य पराक्रम को प्रकट करती वीरांगना रानी दुर्गावती की 52 फीट ऊंची कांस्य की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. ये प्रतिमा जबलपुर के मदन महल पहाड़ी स्थापित की जाएगी.

रानी दुर्गावती स्मारक निर्माण पर क्यों लगा प्रश्नचिन्ह? कलेक्टर को लिखा गया आपत्ति पत्र, 100 करोड़ की लागत से बननी है मूर्ति

Rani Durgavati Memorial in Jabalpur: रानी दुर्गावती के 500वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबलपुर में रानी दुर्गावती स्मृति स्मारक (Rani Durgavati Memorial) की घोषणा की थी. वहीं 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली स्मृति स्मारक का निर्माण रानी दुर्गावती के मदन महल के आसपास की भूमि पर किया जाना है. वहीं पीएम की घोषणा के बाद मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने स्मारक के निर्माण लिए कार्य शुरू भी कर दिया. पिछले दिनों म्यूजियम, दुर्गावती की मूर्ति और अन्य विकास कार्यों के लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए, लेकिन जनहित के मुद्दों को हाई कोर्ट तक ले जाने वाली नागरिक उपभोक्ता मंच ने इस परियोजना को हाई कोर्ट के निर्देश के खिलाफ कहते हुए आपत्ति प्रस्तुत की है.

नागरिक उपभोक्ता मंच का कहना है कि यदि सरकार उनकी बात नहीं मानती तो वो जल्द ही हाई कोर्ट की शरण में याचिका लेकर जाएंगे.

हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ पहाड़ी पर स्मारक निर्माण

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मदन महल की पहाड़ी पर रानी दुर्गावती स्मारक निर्माण का विरोध किया है. डा.पीजी नाजपांडे का कहना है कि यदि ऐसा किया गया तो एक तरफ हाई कोर्ट के पूर्व आदेश का उल्लंघन होगा तो वहीं दूसरी ओर अर्बन फॉरेस्ट भी नष्ट होगा. इस स्मारक निर्माण के लिए लगभग 30 हजार पेड़ काटे जाएंगे.

नागरिक उपभोक्ता मंच ने संभागायुक्त और कलेक्टर को आपत्ति पत्र भेजा है.पत्र में जनहित याचिका का हवाला दिया गया है, जो मंच की ओर से दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मदन महल की पहड़ी पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. यही नहीं पूर्व के निर्माणों को हटाकर खाली जगह पर पौधारोपण किए जाने पर भी बल दिया था. जिसके बाद बाकायदे फेंसिंग कर पौधारोपण किया गया.

आम जनता के सहयोग से हरेभरे वृक्षों का अर्बन फॉरेस्ट निर्मित किया गया है. अब स्मारक के लिए भूमि आवंटन का प्रस्ताव निरस्त नहीं किया गया तो पर्यावरण पर नये सिरे से संकट खड़ा हो जाएगा. 

हाई कोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण मुक्त  की गई पहाड़ियां

मदन महल की पहाड़ियों पर सैकड़ों की संख्या में अवैध निर्माण और मकान बना लिए गए थे. जिसके बाद हाई कोर्ट ने संझान लेते हुए इन पहाड़ियों को खाली कर वहां वृक्षारोपण करने का निर्देश दिया था. वहीं कोर्ट के निर्देश के बाद हजारों परिवार नगर निगम के द्वारा विस्थापित कर अन्य स्थलों पर बसाया गया था. ऐसे में अब इस जगह पर स्मारक का निर्माण होना योजना पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है.

क्या है योजना

वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य पराक्रम को प्रकट करती उनकी 52 फीट ऊंची कांस्य की प्रतिमा मदन महल पहाड़ी पर स्थापित की जाएगी. इस योजना के तहत पुरवा क्षेत्र में 21 एकड़ में रानी दुर्गावती का भव्य स्मारक बनाया जाएगा. स्मारक के निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने पर्यटन विकास निगम को जमीन आवंटित कर दी है. इस निर्माण से पुरवा, गढ़ा, मदनमहल क्षेत्र पर्यटन का बड़ा केन्द्र बनेंगे.

लाइट एंड साउंड शो में शौर्य-पराक्रम देखेगी. इसके साथ ही फूड प्लाजा, सोविनियर शॉप, सूचना केन्द्र विकसित किए जाएंगे. रानी के अदय शौर्य और पराक्रम की अमर गाथा से नई पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए संरक्षित किया जाएगा. साथ ही ये स्मारक गोंड समुदाय सहित पूरे देश के लिए प्रेरणा स्थल के रूप में उभरेगा.

गौंड व्यंजनों का बनेगा रेस्टोरेंट

जनजातीय और गौंड फूड स्ट्रीट भी स्मारक परिसर में जनजातीय ग्राम समूह द्वारा विकसित किया जाएगा. यहां की कृतियों को ग्रामीण शैलियों में विकसित किया जाएगा और इनमें गोंडवाना क्षेत्र की जनजातीय कला, शिल्प और सांस्कृतिक जीवन के दर्शन हो सकेंगे.

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