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Rajya Sabha Election: पीढ़ियों से सिंधिया के विरोधी रहे हैं कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह, ये रही इनकी कहानी

Rajya Sabha Elections News: अशोक सिंह के उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर उमंग सिंघार ने कहा है कि सिंघिया के सामने लड़ाने के लिए हमने भी ग्वालियर चंबल से अशोक सिंह खड़ा कर दिया है. आप लोगों के लिए नाम शायद चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन हमारे लिए यह चौंकाने वाला नाम नहीं है.

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Rajya Sabha Election: पीढ़ियों से सिंधिया के विरोधी रहे हैं कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह, ये रही इनकी कहानी

Rajya Sabha Elections Congress Candidate List: कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने मध्य प्रदेश से अशोक सिंह (Ashok Singh) को अपना राज्यसभा प्रत्याशी (Rajya Sabha Candidate) घोषित करते हुए सबको चौंका दिया है. ग्वालियर के रहने वाले अशोक सिंह और उनके परिवार की गिनती धुर सिंधिया परिवार विरोधियों (Anti Scindia Family) में होती है. अशोक सिंह चार बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ चुके हैं, हालांकि उनको जीत एक बार भी नहीं मिली है. सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद से वे पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) कमलनाथ (Kamal Nath) के सबसे विश्वस्त सहयोगी के रूप में काम किया.

पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष ने दी बधाई

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (Madhya Pradesh Congress Committee President) जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने अशोक सिंह के नाम की घोषणा के बाद उनसे मुलाकात की है और बधाई देते हुए लिखा है. आदरणीय अशोक सिंह जी को अनंत बधाई. राज्यसभा में आपके माध्यम से प्रदेश के किसानों, युवाओं और प्रदेश हित की आवाज़ को मज़बूती मिलेगी.

वहीं सदन के नेता प्रतिपक्ष (Leader of The Opposition) उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने लिखा है कि सम्मानीय अशोक सिंह जी को ढेरों शुभकामनाएं. आज अशोक सिंह जी को मध्य प्रदेश से राज्य सभा के लिए चुने जाने पर उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे एवं कांग्रेस गण के साथ स्वागत कर शुभकामनाएं प्रेक्षित की. अशोक सिंह के मार्गदर्शन में राज्यसभा में जनहित के मुद्दों को मजबूती मिलेगी.

अशोक सिंह के उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर उमंग सिंघार ने कहा है कि सिंघिया के सामने लड़ाने के लिए हमने भी ग्वालियर चंबल से अशोक सिंह खड़ा कर दिया है. आप लोगों के लिए नाम शायद चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन हमारे लिए यह चौंकाने वाला नाम नहीं है. अशोक सिंह जी ने कांग्रेस पार्टी के लिए लंबे समय तक काम किया है और उनके परिश्रम को तवज्जो देने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया है. इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है. हाई कमान का जो निर्णय है वो ठीक है.

स्वतंत्रता सेनानी परिवार से हैं अशोक सिंह

अशोक सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार से हैं. उनके दादाजी कक्का डोंगर सिंह महात्मागांधी के साथ रहे और उन्होंने तत्कालीन सिंधिया शासकों के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन शुरू किया था. उनके परिवार को रियासत की कड़ी प्रताड़ना का सामना करना पड़ा. अशोक सिंह के पिता राजेन्द्र सिंह भी मंत्री रहे थे, लेकिन जब 1980 में माधव राव सिंन्धिया कांग्रेस में शामिल हुए, उसके बाद इस परिवार के सितारे ढाई दशक तक गर्दिश रहे. उनके पिता और उन्हें कोई टिकट नहीं मिला.

उप चुनाव में मिला था टिकट 

ऑपरेशन चक्रव्यूह में फंसने के बाद जब ग्वालियर के कांग्रेस सांसद रामसेवक सिंह बाबूजी की संसद की सदस्यता रद्द हो गई थी तब उसके बाद हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें ग्वालियर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा हालांकि वे भाजपा की यशोधरा राजे सिंधिया से महज 26 हजार वोट से हार गए. इसके बाद वे तीन और चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं सके. 

दिग्विजय-कमलनाथ दोनों के हैं नजदीकी

अशोक सिंह को कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों का खास माना जाता है और सभी गुटों को साधकर चलने में उनकी महारथ है. यही वजह है कि जब कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की बागडोर संभाली तो अशोक सिंह उनके कोर ग्रुप के सदस्य रहे. अशोक सिंह प्रदेश कांग्रेस में उपाध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष रहे हैं.

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