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खुशखबरी: अब मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे प्राइवेट स्कूल, मोहन सरकार ने बनाया ये कानून

Private School Fees: निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने गुरुवार को एक विधेयक सदन में पेश किया. उन्होंने कहा कि अब निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश के 34,000 से अधिक निजी स्कूलों को इन नियमों का पालन करना होगा.

खुशखबरी: अब मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे प्राइवेट स्कूल, मोहन सरकार ने बनाया ये कानून

Private School Fees MP: मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में निजी स्कूलों (Private Schools) की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए निजी विद्यालय फीस संशोधन विधेयक 2024 (Private School Fees Amendment Bill 2024) को गुरुवार को पारित कर दिया गया. इस विधेयक का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता लाना और अभिभावकों पर फीस के बोझ को कम करना है.

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने यह विधेयक सदन में पेश किया. उन्होंने कहा कि अब निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश के 34,000 से अधिक निजी स्कूलों को इन नियमों का पालन करना होगा.

नए नियम में ये है प्रावधान

निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले जिला और विभागीय समितियों से अनुमति लेनी होगी. ये नियम उन स्कूलों पर लागू होंगे, जो प्रति छात्र ₹25,000 से अधिक वार्षिक फीस लेते हैं. परिवहन सुविधा देने वाले स्कूलों को पोर्टल पर किलोमीटर के हिसाब से फीस की जानकारी अपडेट करनी होगी.

RTE के तहत समान शिक्षा का अधिकार

मंत्री ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि आरटीई के दायरे में आने वाले स्कूलों में बिना किसी जातिगत भेदभाव के सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिले. इसके साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री ने ड्रॉपआउट समस्या को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदमों की जानकारी दी.

ड्रॉपआउट दर में कमी के लिए किए गए ये प्रावधान

पहली से पांचवीं कक्षा के बाद प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी कि वह बच्चों को छठी कक्षा तक ले जाएं. इसके साथ ही आठवीं के बाद दाखिला सुनिश्चित करने का भी प्रावधान किया गया है. आठवीं के बाद ड्रॉपआउट की समस्या खत्म करने के लिए प्रिंसिपल को आगे की कक्षाओं में दाखिले का जिम्मा सौंपा गया है. मंत्री ने बताया कि पिछले एक साल में ड्रॉपआउट दर में कमी आई है. दरअसल, सरकार एक मजबूत शिक्षा प्रणाली विकसित कर रही है.

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फीस नियंत्रण पर अभिभावकों को राहत

यह विधेयक निजी स्कूलों की फीस नीति को नियमित करने और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह न सिर्फ अभिभावकों के आर्थिक बोझ को कम करेगा, बल्कि शिक्षा में समानता और सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करेगा. सरकार के इस प्रयास से शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद है, जो छात्रों और अभिभावकों के हित में साबित हो सकते हैं. 

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