MP Politics : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के टीकमगढ़ जिले में नगर पालिका की राजनीति अपने चरम पर पहुँच गई हैं. नगर पालिका के 27 पार्षदों में से 19 पार्षदों ने नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार पप्पू मलिक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. इनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 10 पार्षद, कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय पार्षद शामिल हैं. यह सभी पार्षद अब्दुलगफ्फार के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं. यह मामला तब सामने आया जब 19 पार्षदों ने एकजुट होकर टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर अवधेश शर्मा से मुलाकात की. पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर में विकास कार्य ठप पड़े हैं और अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार के नेतृत्व में शहर पिछड़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका के गठन के दो साल बाद भी शहर में कोई विकास नहीं हो पाया है, जिससे नागरिकों में असंतोष बढ़ रहा है.
कलेक्टर ने किया बयान दर्ज
इस दौरान कलेक्टर ने सभी पार्षदों के बयान दर्ज कराए और पूरी प्रक्रिया दो घंटे तक चली. कलेक्ट्रेट परिसर में पार्षदों की सुरक्षा को लेकर पुलिस बल तैनात किया गया, जिससे किसी भी विवाद की स्थिति से बचा जा सके. दो घंटे तक अन्य लोगों का प्रवेश वर्जित रहा.
क्या बोले कांग्रेस के पार्षद ?
कांग्रेस के पार्षदों ने कहा कि उनका मकसद केवल शहर का विकास है और उनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, BJP के पार्षदों ने कहा कि नगर पालिका की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अध्यक्ष को पद से हटाना ज़रूरी हो गया है.
कैसे चुने गए अध्यक्ष
मालूम हो कि दो साल पहले नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस ने अब्दुलगफ्फार को अध्यक्ष चुना था. उस समय कांग्रेस के पास 14 पार्षद थे, जिनमें दो निर्दलीय पार्षदों का समर्थन भी शामिल था. इससे कांग्रेस ने नगर सरकार बनाई थी, जबकि BJP 10 पार्षदों के साथ रह गई थी.
कांग्रेस-BJP की 'दोस्ती'
समय के साथ समीकरण बदल गए हैं और अब कांग्रेस के 6 पार्षद BJP के साथ हो गए हैं. इसके अलावा, तीन निर्दलीय पार्षद भी BJP के खेमे में शामिल हो गए हैं. इस तरह कुल 19 पार्षदों ने मिलकर कलेक्टर के नाम एक पत्र सौंपा, जिसमें अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की गई.
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क्या बोले अब्दुलगफ्फार ?
अविश्वास प्रस्ताव की इस कार्रवाई को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और सरकार उन पर दबाव बना रहे हैं. अब देखना यह है कि इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद टीकमगढ़ नगर पालिका में सत्ता का संतुलन कैसे बदलता है.
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