
MP Hindi News: नीट पीजी (NEET PG) में एनआरआई कोटे की सीट आवंटन को लेकर हाई कोर्ट (Hight Court) में याचिका दायर की गई है. प्रारंभिक सुनवाई के दौरान प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने राज्य शासन से इस पर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है.
15 बजाय 40-50 फीसदी सीटें कर दी आरक्षित
भोपाल निवासी डॉ. ओजस यादव ने कोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने कोर्ट में पक्ष रखा. उन्होंने तर्क दिया कि संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा जारी प्राइवेट कॉलेजों के सीट मैट्रिक्स में चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018 का उल्लंघन किया गया है. एनआरआई कोटे के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत सीमा की बजाय कई ब्रांचों में 40-50 फीसदी सीटें आरक्षित कर दी गई हैं. इसके चलते कई ब्रांचों में अनारक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए एक भी सीट उपलब्ध नहीं है.
राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश
वागरेचा ने यह भी बताया कि च्वाइस फिलिंग प्रक्रिया शुरू करने से पहले दावे और आपत्तियां दर्ज करने का अवसर नहीं दिया गया. उन्होंने इसे नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया.
राज्य शासन की ओर से जवाब में बताया गया कि एनआरआई कोटे को चुनौती देने वाली एक पूर्व जनहित याचिका को एक अन्य युगलपीठ ने सुनने से इनकार कर दिया था. हालांकि उस याचिका में हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उचित फोरम में अपनी बात रखने की स्वतंत्रता प्रदान की थी.
इस मामले में याचिकाकर्ता एक प्रभावित छात्र है और उसे सीट मैट्रिक्स में दावे-आपत्तियां दर्ज करने का मौका नहीं दिया गया. कोर्ट ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
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