Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की सियासत में कुछ दिनों से चर्चा थी कि कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता कमलनाथ (KamalNath,)राज्यसभा जा सकते हैं...सोमवार को जब सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा जाने की खबरें आईं तो इस चर्चा को और बल मिला, लेकिन अब खुद कमलनाथ ने इस चर्चा पर एक तरह से विराम लगा दिया है. मंगलवार को जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे राज्यसभा में जाने के लिए 15 फरवरी को पर्चा दाखिल कर रहे हैं. इसके जवाब उन्होंने तुरंत कहा- मैंने तो इस बारे में सोचा ही नहीं और न ही मेरी किसी से बात हुई.
#Bhopal: जब कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ से पूछा गया कि क्या वह भी राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे, तो उन्होंने कहा, ''मैंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा...''#congress #RajyaSabhaSeat #Kamalnath pic.twitter.com/CiRhzABZqP
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) February 13, 2024
विधायकों को डिनर पर बुलाया
दरअसल मंगलवार रात को ही कमलनाथ ने प्रदेश के कांग्रेसी विधायकों को डिनर पर बुलाया है. इसी को लेकर सियासी गलियारों में उनके राज्यसभा में जाने को लेकर चर्चा शुरू हुई. इसे उनके द्वारा की जा रही राज्यसभा चुनाव की तैयारी समझा जा रहा था. विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब कमलनाथ ने विधायकों को भोज दिया है. विधायकों को डिनर पर बुलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये नई बात नहीं हैं. मैं हर सेशन में उन्हें डिनर पर बुलाता हूं.
बीजेपी ने भी घोषित नहीं किए उम्मीदवार
वैसे बता दें कि मध्यप्रदेश में खाली हो रही राज्यसभा की पांच सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है. इसके लिए 15 फरवरी नामांकन की अंतिम तिथि है. लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अब तक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है.प्रत्याशी के नाम को लेकर कांग्रेस (Congress) में ज्यादा खींचतान है, क्योंकि विधायकों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस केवल एक ही सदस्य को राज्यसभा भेज सकती है. सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने NDTV से कहा था कि वे चाहते हैं कि मध्यप्रदेश से पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजा जाए. हालांकि इसी बातचीत में उन्होंने साफ किया था कि यदि खुद कमलनाथ राज्यसभा जाना चाहेंगे तो भी पार्टी उनका साथ देगी.
किसानों से डरती है सरकार: कमलनाथ
बहरहाल मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की 70 फीसदी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. किसान आर्थिक गतिविधि पैदा करते हैं, गांव में किराने की दुकान तभी चलती है, जब किसान की जेब में पैसा रहता है. एमएसपी भी न मिले तो ये गलत है. दिल्ली जाने वाले किसानों को गिरफ्तार कर रहे हैं. वह तो करेंगे ही, क्योंकि उन्हें डर है कि खुलासा न हो जाए. किसान थोड़ी न घर बैठेगा. बीजेपी की सरकार किसानों को तो रोकने की कोशिश करेगी ही क्योंकि वो नहीं चाहती कि सारी चीजें उजागर हों.
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