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NTPC क्षेत्र में राख से बढ़ी जानलेवा आफत, हवा में घुल रहा जहर! यहां सांस लेना भी मुश्किल

NTPC Singrauli : सिंगरौली में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा. NTPC की राख बांध से उड़ने वाली राख ने लोगों की जिंदगी में आफत बन चुकी है. एमपी की सबसे बड़ी तापीय परियोजना की स्थानीय लोगों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. 

NTPC क्षेत्र में राख से बढ़ी जानलेवा आफत, हवा में घुल रहा जहर! यहां सांस लेना भी मुश्किल

NTPC Singrauli Thermal Project : यहां हवा में मौत मंडरा रही है. आंखों से राख के अलावा कुछ नहीं दिख रहा है. राख के धुंए से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. यह हाल है जिले में स्थापित NTPC विंध्यांचल के इलाके का, जहां NTPC की राख बांध से उड़ने वाली राख ने लोगों की जिंदगी में आफत बनकर बारिश की तरह बरस रही है. इस वजह से पावर प्लांट से आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो गया. प्लांट से उड़ने वाले राखड़ से शहरवासी हलाकान हैं. तमाम शिकायतों के बाद भी पर्यावरण विभाग अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

एनटीपीसी की मनमानी

सिंगरौली जिले के विंध्य नगर में स्थित एनटीपीसी विंध्यांचल के जिम्मेदारों की मनमानी और अनदेखी के चलते स्थानीय ग्रामीण राखड़ के बीच जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं. बावजूद इसके एनटीपीसी प्रबंधक ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है. एनटीपीसी विंध्याचल ने बलियरी में राखड़ का डैम बनाया है.

दुर्घटना होने का खतरा

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गर्मी का समय है ऐसे में डैम से बड़ी मात्रा में राखड़ उड़ कर आसपास के इलाकों तक जाती है.जिसके कारण घरों में राखड़ की मोटी परत चढ़ जाती है. वहीं खाने के सामान पीने के पानी और कपड़ों में डस्ट जमा हो जाती है. राखड़ से आसपास के 10 किलोमीटर तक के इलाके को प्रभावित करता है. राखड़ की मात्रा इतनी ज्यादा रहती है कि रोड पर चलने वाली गाड़ियां तक नहीं दिखती हैं. जिससे दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है.

'धुंए के प्रदूषण के कारण कई लोगों की हो चुकी है मौत'

डैम के आसपास के स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 10 सालों में थर्मल पावर प्लांट के आसपास के इलाके में राख और कोयले के धुंए के प्रदूषण के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है, इन इलाकों के कई लोग आज भी कैंसर, टीबी, गंभीर त्वचा रोग और सांस की तकलीफ से पीड़ित है, किसी भी समय आप पावर प्लांट के आसपास के इलाके के देखा जा सकता है,बिजली संयंत्र से निकलने वाले काले धुंए और उड़ती राख को आसमान में छाते हुए देख सकते है, हल्की हवा भी स्थिति को और खराब कर देती है, बिजली उत्पादन के बाद यह राख पानी को भी जहरीला बना देता है.

 जहरीले पानी की वजह से मछलियों की मौत

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NTPC राखड़ बांध के पास ही रिहंद जलाशय है,जो सिंगरौली और सोनभद्र के करीब 20 लाख की लोगों की प्यास बुझाती है. इसी जलाशय का पानी सिंगरौली जिले व सोनभद्र जिले के लोग पीते है, लेकिन अब यह जलाशय में जहरीला राख समा गया है,और यह पानी पीने लायक नही बची है. इतना ही नही जहरीले पानी की वजह से इसी जलाशय में कई मछलियों की भी मौत हो गई है.

अधिकारियों ने बनाई दूरी 

ऐसे में सवाल यह है कि क्या NTPC पावर प्लांट से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, देश विदेश को रोशन करने वाले पावर प्लांट के आसपास के लोगों की जिंदगी अंधेरी होती जा रही है. पावर प्लांट के जिम्मेदार अधिकारी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से बच रहे है.

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जानें क्या बोले कलेक्टर

इस मामले में सिंगरौली जिला कलेक्टर चंद्र शेखर शुक्ला ने कहा कि यह सच है कि पावर प्लांट के राखड़ डैम की राख की वजह से समस्या हो रही है. हालांकि, कंपनी के द्वारा सड़क पर पानी का छिड़काव किया जाता है.राखड़ परिवहन बंद गाड़ियों से किये जाने के भी निर्देश जारी किए है.

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