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This Article is From Apr 01, 2024

'पापा भये मंत्री तो डर काहे का !' मंत्री के बेटे की गुंडागर्दी, कार्रवाई पुलिस पर, मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

Minister's son Case: राजधानी भोपाल में मंत्री के बेटे द्वारा की गई गुंडागर्दी और मारपीट का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. इस बहुचर्चित मामले में अभी तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि उल्टा चार पुलिसकर्मियों को ही निलंबित कर दिया गया है. वहीं अब मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेकर भोपाल पुलिस से जवाब मांगा है.

'पापा भये मंत्री तो डर काहे का !' मंत्री के बेटे की गुंडागर्दी, कार्रवाई पुलिस पर, मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

Minister's son Assaulted Restaurant Owner: मध्य प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल (Narendra Shivaji Patel) के बेटे अभिज्ञान पटेल (Minister Son Abhigyan Patel) की वजह से मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav Government) की फजीहत हो रही है. शनिवार रात भोपाल (Bhopal) के गुलमोहर इलाके में मंत्री पटेल के बेटे पर 4 लोगों की पिटाई करने का आरोप है. इस वाकये के बाद मंत्री नरेंद्र पटेल के ऊपर अपने बेटे को डपटने की बजाय पुलिसकर्मियों पर अपना रौब दिखाने के भी आरोप हैं. इस मामले में अभी तक मंत्री के बेटे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, उल्टा चार पुलिसकर्मियों को निलंबित (Policemen Suspended) कर दिया है. वहीं इस पर मंत्री के बेटे अभिज्ञान का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसके और उसके दोस्तों के साथ मारपीट की. जिसके बाद 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर किया गया है.

बता दें कि मंत्री के बेटे द्वारा की गई मारपीट में घायल व्यक्ति के 7 टांके लगे हैं. इसके अलावा महिला और पत्रकार के साथ भी मारपीट के आरोप हैं. लेकिन, अभी तक मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया है. बल्कि चार पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं. बताया ये भी जा रहा कि इस मामले के सामने आने के बाद सरकार और पार्टी दोनों के मुखिया नाराज हैं.

मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

वहीं इस मामले पर मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर से मामले की जांच कर 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है. आयोग ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई जानकारी और घटना के दिन की सीसीटीवी फुटेज की भी मांग की है. इसके साथ ही मानवाधिकार आयोग ने पुलिसकर्मियों के निलंबन से संबंधित रिपोर्ट और मामले में शामिल आरोपियों के शराब सेवन को लेकर भी रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

मंत्री के बेटे पर क्या हैं आरोप?

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेन्द्र पटेल के बेटे अभिज्ञान पटेल पर आरोप हैं कि वे अपने पिता की गैरमौजूदगी में क्षेत्र में सरकारी चेक भी बांटते हैं. पिछले दो दिनों से कथित तौर पर अपनी गुंडागर्दी की वजह से सुर्खियों में हैं. अभिज्ञान पटेल पर आरोप है कि उन्होंने अपने दोस्तों के साथ भरे चौराहे पर कथित तौर पर पत्रकार की पिटाई की. इस दौरान एक रेस्त्रां की मालिक बीच बचाव करने आई तो उन्हें और उनके पति को भी बुरी तरह पीटा.

वहीं पहली बार विधायक से मंत्री बने नरेंद्र शिवाजी पटेल पर आरोप है कि उन्होंने इस मामले में अपने बेटे को बचाने की कोशिश की. बताया जाता है कि मामले की जानकारी लगते ही मंत्री पटेल तैश में आकर अपने दल बल सहित थाने पहुंच गए. जहां वे कथित तौर पर पुलिसवालों से उलझ गए. 

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पीड़ितों पर दर्ज हुई FIR

मजेदार बात यह है कि पुलिस इस मामले में अब तक कार्रवाई ही कर रही है. यहां तक की पिटने वालों पर भी एफआईआर हो गई है. पीड़िता अलिशा सक्सेना ने बताया कि मंत्री के बेटे के साथ 5-6 लड़के और 5-6 लड़कियां थी. सभी शराब के नशे में थे. पति डेनिस मार्टिन बचाव करने आए तो उनके सिर पर गमला मारा गया. 

उन्होंने बताया कि हमारी FIR दर्ज करने में पुलिस को दो घंटे का समय लगा. हम थाने के बाहर बैठे रहे. पीड़िता ने यह भी बताया कि मंत्री के बेटे ने उन्हें बार-बार धमकी दी कि हम तुम्हें गायब करवा देंगे, ऐसे जीने नहीं देंगे, बाद में देख लेंगे. पीड़िता ने गुहार लगाई कि उनकी जान को खतरा है.

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धारा 307 के तहत नहीं दर्ज हुआ मामला

विधायक के बेटे के हमले में घायल हुए डेनिस मार्टिन ने बताया कि मामले में 307 तक की धारा नहीं लगाई गई है. बिना वजह गुंडागर्दी की गई, सिर पर रॉड मारी गई, इसके साथ ही उनकी पत्नी के साथ भी बदतमीजी की गई. इसके बावजूद मंत्री ने अपने बेटे की गलती नहीं मानी, बल्कि उल्टा पुलिस पर दबाव बना रहे थे. उन्होंने कहा कि ये नाइंसाफी है. अभी धारा 294, 324, 506, 34 के तहत मामला दर्ज किया है. बता दें कि मंत्री के बेटे के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 (सार्वजनिक रूप से अश्लील या अपमानजनक भाषा), 324 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा सामान्य इरादे से किया गया अपराध) के तहत  मामला दर्ज हुआ है.

वहीं इस मामले पर एडिशनल डीएसपी रश्मि अग्रवाल दुबे ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों का मेडिकल करवाया गया है और एफआईआर दर्ज की गई. जिसके बाद जांच हो रही है. मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई हुई है, पुलिस पर जो आरोप लगाया जाता है उसपर नियमानुसार जांच होती है.

जिसने गलत किया कार्रवाई होगी: शर्मा

इस मामले के सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने भी मंत्री और भाजपा सरकार को घेरा. कांग्रेस का आरोप है कि राज्य में सत्ता निरंकुश है, वहीं बीजेपी का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि गुंडागर्दी या ऐसा कोई काम करने का किसी को अधिकार नहीं है, दूसरे पक्ष को भी अधिकार नहीं है. जिसने गलत किया होगा उसपर प्रशासन कार्रवाई करेगा.

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