Rewa News : एमपी के रीवा संजय गांधी अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई. पेशे से नर्स महिला की नवजात शिशु को जन्म देने के बाद मौत हो गई.परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कई सनसनीखेज आरोप लगाया है.समय पर खून नहीं मिला, नर्स की मौत के बाद चढ़ाया खून, बाजार से खरीदी दवाइयां, हुई थी नॉर्मल डिलीवरी, फिर इतना खून क्यों निकाला. संजय गांधी अस्पताल प्रबंधन पर आरोपों का यह कोई पहला मामला नहीं है. आए दिनों इस तरीके के मामले यहां पर देखने में नजर आते हैं. जिसे अस्पताल प्रबंधन बड़ी आसानी से नकार देता है. यह कहकर जांच कराएंगे, कार्रवाई करेंगे, लेकिन जब तक जांच होती है. कार्रवाई होती है, अगली घटना घट जाती है .
मचा बवाल
प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. रीवा उनका गृह जिला भी है. शनिवार को रीवा में थे. इस दौरान प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक, रीवा के संजय गांधी अस्पताल में, सुबह 5:00 बजे नॉर्मल डिलीवरी में एक नवजात बच्ची को जन्म देने के बाद, एक महिला पंकज पटेल की मौत हो गई. महिला पेशे से नर्स थी.
महिला के पिता से कई बार पैसे की डिमांड की
अक्सर डिलीवरी करवाया करती थी, उसे क्या मालूम था. उसी की डिलीवरी के बाद मौत हो जाएगी. डिलीवरी नार्मल थी, उसके बाद महिला को काफी ब्लड निकला, परिजनों के द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी, मौजूद स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया. और महिला के पिता से कई बार पैसे की डिमांड की, जब महिला बेहोश हो गई, तब परिजनों से कहा ब्लड का इंतजाम करो, परिजनों का आरोप ब्लड का इंतजाम करने में वक्त लगा. तब तक महिला की मौत हो गई थी. मौत के बाद भी डॉक्टरों ने ब्लड चढ़ाया.
क्या लगे आरोप
मृतक नर्स पंकजा पटेल के पिता लालमणि पटेल ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोपों की झड़ी लगा दी. उनका कहना था, सुबह 5:00 बजे तक बिल्कुल ठीक थी. मैंने उससे बात की, पंकजा की मां उसके पास थी, जब पंकजा की मां ने ब्लड ज्यादा जाने की शिकायत स्टाफ से की तो, स्टाफ ने उनको बाहर निकाल दिया, जबकि हमने बच्चों की खुशी में स्टाफ को ₹2000 के आसपास बांटा भी था. हमें खून लाने के लिए कहा गया, खून विभाग में सुबह 7:00 से 9:00 तक कोई नहीं था. उसके बाद हमें खून मिला, तब तक मेरी बेटी की मौत हो गई थी.
अमरपाटन के झिन्ना में पदस्थ थी नर्स
उसके बावजूद डॉक्टरों ने उसको खून चढ़ा दिया. रात से लेकर सुबह तक में कई बार दवाइयां बाहर से लेकर आया. यहां किसी भी तरीके की कोई भी सुनवाई नहीं हुई. अस्पताल में हमें कोई भी मदद नहीं मिली. जबकि मेरी बेटी पंकजा अमरपाटन के झिन्ना में नर्स के पद पर पदस्थ है. रोज यह काम करवाती थी. मेरी बेटी को गायनी विभाग के डॉक्टर और स्टाफ ने लापरवाही करके मार डाला, जबकि नॉर्मल डिलीवरी हुई थी. मेरी बेटी और बच्चा दोनों स्वस्थ थे.
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जानें अस्पताल प्रबंधन का क्या है कहना
वहीं, दूसरी और संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा ने कहा, "महिला पंकजा को एक गंभीर बीमारी थी, जो लाखों करोड़ों में किसी एक को होती है. समय के पहले बच्चा हो गया था. हम जांच कमेटी बनाकर जांच करेंगे. पोस्टमार्टम भी करेंगे, अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई भी करेंगे. गायनी वार्ड में लगातार मरीज से पैसे मांगने की कई शिकायतें आई हैं, हम सीसीटीवी भी चेक करेंगे. अगर आरोप सही पाए गए तो हम पूरे स्टाफ को बदल देंगे. इस तरीके की शिकायत पहले भी आई है".
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