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NEET UG में धांधली पर स्टूडेंट्स ने खोला मोर्चा, MP के स्टूडेंट्स ने NDTV पर बयां किया अपना दर्द

NEET Result 2024 : नीट यूजी (Neet ug 2024) का रिजल्ट जारी होने के बाद विवाद गहराता जा रहा है, इंदौर में भी नीट के छात्रों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है. वहीं, खरगोन जिले के सनावद में संचालित तेजस लायब्रेरी सेल्फ स्टेडी सेंटर में स्टडी करने वाले विद्यार्थियों ने भी अपनी पीड़ा NDTV के साथ साझा की है.

NEET UG में धांधली पर स्टूडेंट्स ने खोला मोर्चा, MP के स्टूडेंट्स ने NDTV पर बयां किया अपना दर्द
NEET UG में धांधली पर इंदौर के स्टूडेंट्स ने खोला मोर्चा, खरगोन में छात्राओं ने साझा की पीड़ा..

NEET Result Controversy: नीट यूजी का रिजल्ट (NEET UG 2024) 4 जून को जारी किए गए हैं, उसके बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है. इंदौर में नीट के छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है. वहीं, खंडवा में भी NDTV ने नीट का एग्जाम दे चुके स्टूडेंट्स से चर्चा की है. इस बीच छात्रों ने अपनी पीड़ा साझा की है.  एक छात्रा प्रिया ने बताया कि परीक्षा में एक ही आंसर सीट दी थी, एक्स्ट्रा सीट प्रोवाइड नहीं की, पेपर पर टिक लगाने से भी मना कर दिया, जिसका ऐसा कोई रूल्स नहीं था.

मुझे 530 नंबर ही मिले क्यों?

दूसरी छात्रा पायल पटेल कहती हैं कि मैंने पेपर देने के बाद अपने नंबर काउंट किया, मगर रिजल्ट की आने के बाद मेरे काउंट किए हुए नंबर से भी कम नंबर  मिले. मैं उन क्वेश्चन को भी स्किप कर दिया था, जिसमें डाउट था. उसके बाद भी मुझे 589 के करीब नंबर मिलाने थे, मगर मुझे 530 नंबर ही मिले. कहीं, ना कहीं  गलती हुई है.

छात्रों ने पेपर लीक होने की बात भी कही

मानसी कहती हैं ग्रेस अंक तो मुझे नहीं मिले, मगर समय से ग्रेस के अंक का क्या संबंध है. यह नहीं होना चाहिए था. इस तरह नीट के एग्जाम देने वाले छात्र-छात्राओं ने एग्जाम में हुई गड़बड़ी के साथ ही वह तथ्य भी सामने रखें, जो परीक्षा हाल में उनके साथ हुआ था. साथ ही छात्रों ने पेपर लीक होने की बात भी कही, और 720 अंक के 64 छात्रों को बराबर अंक मिले हैं, उस पर भी सवालिया निशान लगाया है.

4 जून मतगणना के दिन ही रिजल्ट क्यों?

नीट एग्जाम का रिजल्ट 4 जून को आना समय के पूर्व आना और मतगणना के दिन ही आना अपने आप में संदिग्ध है, क्योंकि मतगणना वाले दिन के शोर में रिजल्ट की बात ही नहीं हो पाई. पेपर का लीक होना एक ही केंद्र के अनेक छात्रों का 720 अंक लाना, परीक्षा हाल में छात्रों को आंसर शीट प्रोवाइड नहीं करना, NTA की लापरवाही को उजागर करता है.

इतने में एम्स में पढ़ाई का नहीं मिलेगा मौका

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के नीट के विद्यार्थियों ने रिजल्ट में हुई धांधली को लेकर मोर्चा खोल दिया है, कोचिंग इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर और बच्चे अब सामने आ गए हैं. इंदौर में ऐसे ही एक कोचिंग इंस्टिट्यूट के स्टूडेंट का कहना है कि जब वह 685 मार्क्स लाने के बाद भी एम्स में पढ़ाई नहीं कर पाएंगे तो फिर उनकी मेहनत का क्या मतलब?  स्टूडेंट का कहना है कि जो ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, वह ग्रेस मार्क्स या तो सभी को दिए जाएं या सभी के हटा लिए जाएं. क्योंकि 720 का  नंबर का पेपर होता है, एक प्रश्न चार नंबर का होता है, 200 प्रश्न में से 180 प्रश्न हल करना होते हैं, और उसमें से हर प्रश्न के नंबर चार हैं. इस हिसाब से टोटल 720 नंबर होते हैं.

ग्रेस क्यों दें?

अगर हम एनडीए के एग्जाम ड्यूरेशन की बात करें तो वह 3 घंटे 20 मिनट का होता है, मतलब की 200 मिनट. अब इस 200 मिनट में 180 प्रश्न करना होते हैं, तो एनडीए यह लॉजिक लगता है कि अगर 1 मिनट किसी बच्चे का कम हुआ मतलब एक प्रश्न उसे करने को नहीं मिला. यानी चार नंबर हम उसे ग्रेस में देंगे. अब इस तरह अगर किसी बच्चे को 10 मिनट नहीं मिले तो 10 मिनट मतलब 10 प्रश्न इस तरह से 40 नंबर यह 40 नंबर अगर मान लो किसी बच्चे के 600 नंबर आए तो उसमें 40 नंबर और ऐड हो जाते हैं, इस तरह से यह ग्रेस नंबर 40 मिले तो आप सवाल यह उठता है कि क्या उसे वाकई समय काम मिला. इसकी जांच होना चाहिए और ग्रेस क्यों दें उसका कोई प्रावधान नहीं है. ना ब्रोशर में लिखा है, ना वेबसाइट पर कहीं लिखा है, फिर ग्रेस बांटे गए मतलब गड़बड़ी हुई.

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जानें क्या बोले- याचिकाकर्ता के वकील आदित्य संघी

आदित्य संघी, याचिकाकर्ता के वकील.

आदित्य संघी, याचिकाकर्ता के वकील.

आदित्य संघी कहते हैं कि घोषित किए गए NEET- UG परिणामों पर विवाद गहराता जा रहा है. इस परीक्षा में 67 बच्चों को अधिकतम 720 अंक दिए गए हैं, इस चौंकाने वाले परिणाम से सभी छात्र हैरान हैं. खासकर ऐसे छात्र जिन्होंने इस परीक्षा के लिए सबसे ज्यादा मेहनत की थी. इस परीक्षा में 600 अंक हासिल करने वाली छात्रा अमीषा वर्मा जबलपुर ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर इस परीक्षा परिणाम पर अपना संदेह जताया है. छात्रा ने याचिका में आरोप लगाया है कि नीट परीक्षा आयोजित करने वाली  NTA इस परीक्षा को संभालने के लिए सक्षम नहीं है, इसमें कुछ छात्रों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया है. इसलिए परीक्षा परिणाम दूषित हो गए हैं.

याचिका में मांग की गई है कि इस परीक्षा के रिटेस्ट आयोजित किया जाए. परीक्षा परिणाम घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए. जांच के दौरान किसी भी छात्र को नीट परीक्षा पास करने वाले किसी भी छात्र को जांच के दौरान एडमिशन न दिया जाए याचिकाकर्ता छात्रा के वकील आदित्य संघी ने अपनी इस याचिका में नेशनल मेडिकल कमिशन, नेशनल टेस्ट अथॉरिटी और मध्य प्रदेश शासन को पक्षकार बनाया है.

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