Harda Blast News: मध्य प्रदेश के हरदा जिले (Harda) के बैरागढ़ गांव में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भयानक विस्फोट (Harda Blast) में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 204 से अधिक लोग घायल हैं. घायलों का इलाज प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अस्पतालों में किया जा रहा है. वहीं, गंभीर रूप से घायल 51 लोगों को प्रदेश के बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया है. विस्फोट के बाद इस फैक्ट्री (Cracker Factory) के संचालन पर सवाल उठने लगे हैं. जांच-पड़ताल करने पर पटाखा फैक्ट्री के संचालन से संबंधित बेहद ही हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं.
केवल पटाखे स्टॉक करने और बेचने का था लाइसेंस
जानकारी के मुताबिक, यह पटाखा फैक्ट्री पिछले दो दशकों से चल रही है. वर्ष 2017 में फैक्ट्री के मालिकों ने विस्फोटक अधिनियम (Explosive Act) के तहत अपने लाइसेंस (Factory License) को रिन्यू कराने के लिए हरदा जिला प्रशासन को आवेदन दिया. हालांकि, तब हरदा जिला कलेक्टर ने जांच में पाया था कि यह फैक्ट्री पटाखों के निर्माण में लगी हुई है, जबकि उसके पास केवल पटाखों (चीनी पटाखों सहित) और फुलझड़ियों को स्टॉक करने और बेचने का लाइसेंस था.
विस्फोटक अधिनियम के उल्लंघन करने पर हरदा प्रशासन ने पटाखा फैक्ट्री के संचालन को रोककर फैक्ट्री को सील कर दिया. जिसके बाद यह फैक्ट्री अगस्त 2018 तक बंद रही. वर्ष 2018-19 में फैक्ट्री ने अपने स्टॉकिंग और बिक्री लाइसेंस को 2022 तक के लिए रिन्यू कराया और फैक्ट्री का काम फिर से शुरू किया.
तीन साल पहले भी हो चुका है धमाका
मंगलवार को हुए धमाके से पहले इस पटाखा फैक्ट्री में तीन साल पहले वर्ष 2021 में भी धमाका हो चुका है. जिसमें कथित तौर पर एक ही परिवार की तीन महिला मजदूरों की मौत हो गई थी. जिसके बाद फैक्ट्री मालिकों में से एक राजेश अग्रवाल को इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. लेकिन, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस विस्फोट के बाद फैक्ट्री को कई महीनों के लिए सील कर दिया गया. लेकिन, बाद में उच्च अधिकारी के आदेश पर इसका संचालन फिर से शुरू किया गया.
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विस्फोट के बावजूद रिन्यू हुआ लाइसेंस
वर्ष 2021 में हुए जानलेवा हादसे के बावजूद 2022 में पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस फिर से रिन्यू किया गया. रिन्यू किए गए लाइसेंस के तहत फैक्ट्री को 2025 तक पटाखे स्टॉक करने और बेचने का अधिकार मिल गया. जिसे बाद एक बार फिर से पटाखे बनाने का काम आज तक चलता रहा. फैक्ट्री के मालिक अग्रवाल परिवार राजनीतिक पार्टी से अच्छे संबंध हैं. लिहाजा, अग्रवाल परिवार के जानने वाले प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों ने 2017-18 में हरदा जिला प्रशासन पर फैक्ट्री को सील नहीं करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश भी की थी, लेकिन तत्कालीन जिला कलेक्टर ने उनकी नहीं सुनी और नियमों की अनदेखी कर काम करने पर फैक्ट्री को सील कर दिया था.
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