
National Kishore Awards: खंडवा के पुलिस ग्राउंड में 2024 का राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान और संगीत संध्या का आयोजन किया गया. इस समारोह में प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में मध्य प्रदेश शासन के मंत्री विजय शाह, विधायक कंचन तनवे, महापौर अमृता यादव, पंधाना विधायक छाया मोरे, जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े, भाजपा जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह तोमर, कलेक्टर ऋषव गुप्ता और पुलिस अधीक्षक मनोज राय की उपस्थिति रही.
कार्यक्रम का स्वागत उदबोधन संस्कृति विभाग के केपी नामदेव ने दिया. मुख्य अतिथि मंत्री विजय शाह ने अपने उदबोधन में कहा कि किशोर कुमार ने खंडवा का नाम विश्व स्तर पर प्रसिद्ध किया. उन्होंने किशोर कुमार की बहुआयामी प्रतिभा और उनकी सरलता की प्रशंसा की.
मुख्यमंत्री का वर्चुअल संदेश
इस आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव वर्चुअल रूप से शामिल हुए. उन्होंने कहा कि यह समारोह प्रतिवर्ष दो दिवसीय किया जाए. प्रसून जोशी को शाल, श्रीफल और 5 लाख रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सम्मान पत्र का वाचन नामदेव ने किया.
प्रसून जोशी की भावनाएं
सम्मान प्राप्त करने के बाद प्रसून जोशी ने कहा कि किशोर कुमार हमेशा जैसे थे वैसे ही रहते थे, वे बनावटी नहीं थे. आज की कृत्रिम दुनिया में किशोर दा की सादगी की कमी महसूस होती. उन्होंने बताया कि किशोर कुमार को किसी एक सीमा में नहीं बांधा जा सकता, वे सभी विधाओं में निपुण थे और उनके गीत सीधे ह्रदय में उतरते थे.
संगीत संध्या का आनंद
संगीत संध्या में हेमंत कुमार म्यूजिकल ग्रुप, मुंबई के कलाकारों ने अपने गीतों से सभी का मन मोह लिया. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने आनंदित होकर किशोर कुमार की यादों और उनके संगीत का जश्न मनाया.
किशोर दा के बारे में बोले प्रसून जोशी
मीडिया से बातचीत में प्रसून जोशी ने कहा कि किशोर दा की स्मृति में यह सम्मान उनके लिए बहुत बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि किशोर दा कल-कल छल-छल और निश्छल बहते झरने की तरह थे. उनका जोश और ऊर्जा सबके सामने स्पष्ट रहती थी. वे सबको हंसाते थे और साथ ही अपनी गहरी भावनाओं से लोगों को जोड़ देते थे.
बांटने की आदत और प्रसन्नता
प्रसून जोशी ने कहा कि किशोर दा हमेशा सबकुछ बांटने में यकीन रखते थे. चाहे खुशी हो या दुख, वे इसे दूसरों के साथ बांटते रहते थे. प्रसून जोशी ने महसूस किया कि उनके अंदर भी शायद किशोर दा का यह छोटा सा प्रसाद आ गया है. यही वजह है कि उनके लिए यह सम्मान किसी भी कलाकार के लिए बहुत बड़ी बात है.
किशोर दा की प्रेरणा और संगीत की गहराई
प्रसून जोशी ने आगे कहा कि किशोर दा हमेशा एक सूर्य की तरह थे. वे हर गीत को इस तरह गाते थे कि ऐसा लगता जैसे उन्होंने उसे खुद लिखा हो. प्रसून जोशी भी आज कई गीत लिखते समय सोचते हैं कि किशोर दा होते तो इसे किस तरह गाते. उनके गाने और शब्द हमेशा प्रेरणा और मार्गदर्शन देते हैं.
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