
National Kishore Awards: खंडवा में मंगलवार देर शाम National Kishore Awards Ceremony आयोजित किया गया. इस समारोह में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को साल 2024 का किशोर अलंकरण सम्मान दिया गया. समारोह में शामिल होने से पहले उन्होंने ख़ास पल बिताते हुए किशोर दा की समाधि पर माथा टेका और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने किशोर कुमार को दूध-जलेबी का भोग भी लगाया.
किशोर दा के बारे में बोले प्रसून जोशी
मीडिया से बातचीत में प्रसून जोशी ने कहा कि किशोर दा की स्मृति में यह सम्मान उनके लिए बहुत बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि किशोर दा कल-कल छल-छल और निश्छल बहते झरने की तरह थे. उनका जोश और ऊर्जा सबके सामने स्पष्ट रहती थी. वे सबको हंसाते थे और साथ ही अपनी गहरी भावनाओं से लोगों को जोड़ देते थे.
बालसुलभता और निश्छलता की मिसाल
प्रसून जोशी ने बताया कि किशोर दा पूरे जीवन में बालसुलभ और निश्छल बने रहे. उनके गाने सुनकर ऐसा लगता था कि वे दूसरों के मन में पूरी तरह प्रवेश कर जाते थे. उनके अंदर यह ईश्वर प्रदत्त गुण था, जिसकी वजह से वे हर पल दूसरों के लिए खुशी और दर्द बांटते रहते थे.
बांटने की आदत और प्रसन्नता
प्रसून जोशी ने कहा कि किशोर दा हमेशा सबकुछ बांटने में यकीन रखते थे. चाहे खुशी हो या दुख, वे इसे दूसरों के साथ बांटते रहते थे. प्रसून जोशी ने महसूस किया कि उनके अंदर भी शायद किशोर दा का यह छोटा सा प्रसाद आ गया है. यही वजह है कि उनके लिए यह सम्मान किसी भी कलाकार के लिए बहुत बड़ी बात है.
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किशोर दा की प्रेरणा और संगीत की गहराई
प्रसून जोशी ने आगे कहा कि किशोर दा हमेशा एक सूर्य की तरह थे. वे हर गीत को इस तरह गाते थे कि ऐसा लगता जैसे उन्होंने उसे खुद लिखा हो. प्रसून जोशी भी आज कई गीत लिखते समय सोचते हैं कि किशोर दा होते तो इसे किस तरह गाते. उनके गाने और शब्द हमेशा प्रेरणा और मार्गदर्शन देते हैं.
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