Addiction Treatment Facilities: नशे की लत को नियंत्रित करने और नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिये मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं. केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के "नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने हेतु राष्ट्रीय कार्ययोजना" (NAPDDR) के अंतर्गत प्रदेश के 31 जिलों में एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसलिटिज (Addiction Treatment Facilities Center ) यानी एटीएफ (ATF) सेन्टर की स्थापना की जाएगी. यह कदम नशामुक्त भारत अभियान (Nasha Mukt Bharat Abhiyan) को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
अस्पतालों में 10 बेड रहेंगे रिजर्व
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि यह पहल प्रदेश के उन जिलों में की जा रही है, जिन्हें नशा मुक्ति के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि इन जिलों के शासकीय जिला चिकित्सालयों में एटीएफ सेन्टर स्थापित किए जाएंगे, जहां नशा पीड़ितों के उपचार के लिए डेडिकेटेड वार्ड बनाए जाएंगे. वार्ड में 10 बेड आरक्षित रहेंगे, जिनका उपयोग नशा पीड़ितों के उपचार में होगा. आवश्यकता से अधिक बेड उपलब्ध होने पर सामान्य मरीजों के लिए भी बेड का उपयोग किया जा सकेगा.
31 जिलों में मिलेगी सुविधा
प्रदेश के 31 जिले आगर-मालवा, अलीराजपुर, अनुपपूर, अशोकनगर, बडवानी, बैतूल, बुरहानपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, देवास, धार, हरदा, झाबुआ, कटनी, खरगौन, मण्डला, निवाड़ी, श्योपुर, उज्जैन, राजगढ़, शहडोल, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, मऊगंज, मेहर एवं पार्डुना में एटीएफ सेंटर प्रारंभ होंगे. ये सेंटर नशा मुक्त भारत अभियान को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे.
मध्यप्रदेश सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम से नशे के दुष्प्रभावों से पीड़ित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी, जिससे वे समाज में पुनः सकारात्मक योगदान देने में सक्षम हो सकेंगे.
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