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Bhind News: बारिश ने बढ़ाई आफत, ढह गई 17वीं सदी के किले की दीवार, जानिए इस ऐतिहासिक स्थल की खासियत

Bhind Fort: जिस किले की दीवार बारिश के चलते ढह गई है उसके इतिहास पर नजर डाले तो पहले इसमें भदौरिया राजाओं का ठिकाना था, लेकिन बाद में इस पर सिंधिया शासकाें ने जीत दर्ज कर ली थी. आजादी के बाद इसमें कई दफ्तर लगने लगे. यह किला अभी भी अपने अंदर कई खूबियां समेटे हुए हुआ है.

Bhind News: बारिश ने बढ़ाई आफत, ढह गई 17वीं सदी के किले की दीवार, जानिए इस ऐतिहासिक स्थल की खासियत

Historical Place: भिंड (Bhind) में दूसरी बार फिर आफत की बारिश (Heavy Rain) देखने को मिली. 12 घंटे से हो रही तेज बारिश से लहार क्षेत्र के दर्जनों कच्चे मकान धरासाई हो गए. तो वहीं भदावर महाराज महासिंह का ऐतिहासिक किले (Fort) की एक दीवार भरभराकर ढह गई. इस घटना का लाइव वीडियो NDTV के कैमरे में कैद हो गया. अच्छी खबर यह है कि इस हादसे की चपेट में कोई नहीं आया. बात करें भिंड के मौसम (Bhind Weather) की तो यहां एक हफ्ते में हुई तेज बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है. लहार में एक दर्जन से अधिक कच्चे मकान धरासाई हो चुके हैं. पीपरी गांव में कच्चा मकान गिरने से वृद्ध पति-पत्नी दब गए. इस घटना में पत्नी तो बाल-बाल बच गई, लेकिन 60 वर्षीय पति घायल हो गया. वहीं बड़ोखरी गांव में कच्चा मकान गिरने से एक गाय दब गई. जिसे ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला. साथ ही भिंड शहर के माधौगंज हाट इलाके में स्थित भदावर राजा महासिंह के किले की एक दीवार ढह गई.

कितना पुराना है किला, क्या है खासियत?

बारिश की वजह से जब दीवार ढही उस समय आस-पास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई. लोग दहशत में आ गए. इतिहास की बात करें तो इस किले का निर्माण 17वीं सदी में हुआ था. निर्माण के दौरान किले का स्तंभ आयताकार रखा गया था. वहीं किले का मुख्य द्वार पश्चिम की ओर है. लेकिन बाद में इस किले को सिंधिया शासकों ने जीत लिया. उसके बाद भदौरिया शासकों को इसे छोड़कर अटेर किले में जाना पड़ा.

देश आजाद होने के बाद दर्जनों सरकारी दफ्तर इस किले में लगने लगे. इस किले में पुरातत्व कार्यालय, रोजगार कार्यालय, होमगार्ड कार्यालय, कृषि कार्यालय, गर्ल्स कॉलेज संचालित हो रहे हैं. लेकिन गर्ल्स कॉलेज जर्जर हो जाने से इसे खाली कर लहार रोड आईटीआई में शिफ्ट कर दिया है. देख-रेख के अभाव में किला जीर्ण-शीर्ण हो चुका है. पुरात्तव विभाग द्वारा कुछ साल पहले मरम्मत करायी गयी थी. लेकिन कुछ हिस्सा बगैर मरम्मत के छोड़ दिया था. जिसके कारण किला हादसे का शिकार बना.

किले के अंदर सुबह-शाम धार्मिक एकता देखने को मिलती है, क्योंकि किले के अंदर भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मणी के साथ मां काली का प्राचीन मंदिर है. साथ ही किले के अंदर मस्जिद भी है. यहां पर एक ओर भगवान की आरती होती है, वहीं दूसरी ओर मस्जिद में नमाज देखने को मिलती है. इसके अलावा किले के परिसर में संग्रहालय है. जहां पर कई शताब्दी पुरानी मूर्तियां देखने के लिए रखी हुई हैं.

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