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This Article is From Mar 20, 2024

High Court ने MPTET मामले में दिया बड़ा आदेश, 'अब EWS की विषय-वार मेरिट सूची बनाकर करनी होगी भर्ती

MP Teacher Vacancy Latest News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बार फिर आदेश जारी करते हुए कहा कि रिक्त पदों को आवश्यक रूप से भरा जाए. कोर्ट के इस फैसले पर ईडब्ल्यूएस संघ के अध्यक्ष धीरज तिवारी सहित अन्य सदस्यों ने इसे बड़ी राहत देने वाला आदेश बताया है.

High Court ने MPTET मामले में दिया बड़ा आदेश, 'अब EWS की विषय-वार मेरिट सूची बनाकर करनी होगी भर्ती

MPTET New Vacancy: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा 2018 (MP Teacher Recruitment Eligibility Test) में शामिल होने वाले ईडब्ल्यूएस (EWS) वर्ग के अभ्यर्थियों के पक्ष में मंगलवार को फैसला सुनाते हुए बड़ी राहत दी. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा 2018 के तहत ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों की विषय-वार मेरिट सूची बनाकर रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रदान करें. न्यायमूर्ति विशाल धगट (Justice Vishal Dhagat) की एकलपीठ ने ट्रायबल वेलफेयर डिपार्टमेंट और आयुक्त लोक शिक्षण को 45 दिन में इस प्रक्रिया को पूरी करने के निर्देश दिए.

ग्वालियर निवासी निधि दुबे और सीहोर निवासी विजय सिंह सहित कई जिलों के उम्मीदवारों ने याचिका दायर कर कोर्ट से कहा था कि उन्होंने ईडब्ल्यूएस वर्ग के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा दी थी. उन्हें 75 प्रतिशत से अधिक अंक मिले हैं, इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है. याचिकाकर्ताओं की ओर से  दलील दी गई कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि इस वर्ग के उन अभ्यर्थियों की विषयवार मेरिट सूची तैयार की जाए, जिन्होंने 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाए हैं, इसके बावजूद भी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से बताया कि यह सब तब हो रहा है, जब ईडब्ल्यूएस वर्ग के बहुत से पद रिक्त पड़े हैं.  इसके बाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर आदेश जारी करते हुए कहा कि रिक्त पदों को आवश्यक रूप से भरा जाए. कोर्ट के इस फैसले पर ईडब्ल्यूएस संघ के अध्यक्ष धीरज तिवारी सहित अन्य सदस्यों ने इसे बड़ी राहत देने वाला आदेश बताया है.

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 यह है मामला

याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट को बताया कि 2018 में जो शिक्षकों की भर्ती हेतु परीक्षा ली गई थी, उसमें सामान्य वर्ग के जिन छात्रों को 75% से अधिक अंक मिले थे. उन्हें भी अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई है. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने शिक्षा विभाग से संपर्क कर शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों के साथ विषयवार सूची प्रस्तुत करते हुए नियुक्ति दिए जाने का तर्कसंगत  कारण भी प्रस्तुत किया. इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई. उन्होंने कोर्ट से बताया कि परीक्षार्थी पात्रता परीक्षा के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा कर चुके थे. उसके बाद भी जब नियुक्ति नहीं दी गई, तब उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट के आदेश से पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को बड़ी राहत मिली है. इससे उनके और उनके परिजनों के चेहरे खिल गए हैं. 

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